विश्व स्तरीय पहचान कायम करने में सक्षम हो इस दृष्टि से नई शिक्षा नीति अत्यंत प्रभावी
पूर्व की भांति शिक्षा के क्षेत्र में भारत विश्व स्तरीय पहचान कायम करने में सक्षम हो इस दृष्टि से नई शिक्षा नीति अत्यंत प्रभावी है। यह विचार आज शहरी विकास, आवास, नगर नियोजन, संसदीय कार्य, विधि एवं सहकारिता मंत्री सुरेश भारद्वाज ने हिंद एजुकेशन शिमला द्वारा कालीबाड़ी हाॅल में शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में शिरकत करने के उपरांत अपने संबोधन में व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि अपने राष्ट्र के इतिहास पर नजर डाले तो देश के विश्वविद्यालयों में समूचे विश्व से शिक्षार्थी शिक्षा ग्रहण करने आते थे। अंग्रेजों द्वारा भारत की शिक्षा प्रणाली को ध्वस्त कर भारतीय संस्कृति व विचार दर्शन को स्थिर करने का प्रयास किया गया ताकि भारत में बौद्धिक व सांस्कृतिक विकास को रोका जा सके।
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद भी शैक्षणिक दृष्टि से अधिक बदलाव नहीं हुआ किंतु प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में शिक्षाविदों के सुझाव तथा गहन शोध के उपरांत के.कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में नई शिक्षा नीति को लागू किया गया ताकि देश के विकास तथा स्थानीय भाषा को शिक्षा नीति में सम्मिलित कर छात्रों में गुणात्मक शिक्षा व विकास को संभव किया जा सके।
उन्होंने कहा कि हिंद एजुकेशन शिमला द्वारा अनुज पंत के मार्गदर्शन में 1993-94 से लेकर अब तक हिमाचल के विभिन्न क्षेत्रों में 60 से अधिक शाखाएं खोल कर लगभग 26 हजार 700 बच्चों को शिक्षा ग्रहण करवा कर सराहनीय कार्य किया है।
उन्होंने कहा कि 90 के दशक में कम्प्यूटर शिक्षा आरम्भ हुई किंतु कुछ ही लोग इसे प्राप्त करने में सक्षम होते थे। उस समय में हिन्द एजुकेशन के संस्थापक व अध्यक्ष अनुज पंत ने कम्प्यूटर में लोगों को शिक्षित करने का निर्णय लिया। शिक्षा के क्षेत्र में छात्रों के भविष्य निर्माण में किया गया इनका प्रयास अनुकरणीय है।
सुरेश भारद्वाज ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए संस्थान को अपनी ऐच्छिक निधि से 31 हजार रुपये देने की घोषणा भी की।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचार प्रमुख महीदर प्रसाद ने अपने उद्बोधन में कहा कि हम अपने भविष्य निर्माण के लिए किसी भी क्षेत्र का चुनाव करें किंतु समाज को हम क्या दे सकते हैं इसको निश्चित करना जीवन का लक्ष्य होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव अपने इतिहास को स्मरण करने के साथ-साथ इस राष्ट्र के महापुरुषों, क्रांतिकारियों, ऋषियों के जीवन दर्शन को स्मरण कर उनके पद चिन्हों पर चलने का प्रयास करने का संकल्प भी हमें अवश्य लेना चाहिए।
उन्होंने हिंद एजुकेशन शिमला के अध्यक्ष को उनके द्वारा आरम्भ किए गए शैक्षणिक सफर के प्रति साधुवाद व्यक्त किया। यद्यपि कोरोना काल में इनका तीन राज्यों में कार्य घटा किंतु हार न मानते हुए इन्होंने पुनः हिमाचल में अनेक जगहों पर कार्य को आरम्भ कर फिर से छात्रों को ज्ञान प्रदान किया।
संस्थान के अध्यक्ष अनुज पंत ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए संस्थान की गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने हिंद एजुकेशन संस्थान के साथ सुरेश भारद्वाज जी के लगाव का जिक्र करते हुए उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इनके मार्गदर्शन व प्रेरणा से संस्थान बच्चों के भविष्य निर्माण में अहम भूमिका निभा रहा है।
कार्यक्रम में हिंद एजुकेशन संस्थान के बच्चों द्वारा रंगारंग कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए।
सुरेश भारद्वाज ने संस्थान के मेधावी छात्रों व सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले बच्चों को पारितोषिक देकर सम्मानित भी किया।
इस अवसर पर कैलाश फेडरेशन के अध्यक्ष रवि मेहता, विद्यापीठ संस्थान के निदेशक डाॅ. रमेश तथा रविन्द्र अवस्थी भी उपस्थित थे।