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हिमाचल में कानून व्यवस्था की

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परिवार से कोई चुनाव नहीं लड़ेगा और दो दिन बाद उनकी पत्नी को टिकट मिल जाती है, मैं भी मुख्यमंत्री रह चुका हूं मुझे पता है की मुख्यमंत्री की स्वीकृति के बिना यह चयन संभव नहीं है और खासकर कांग्रेस पार्टी में। वर्तमान सरकार में प्रदेश के हालात कैसे बन गए हैं, 17 महीने में 300 से ज्यादा बलात्कार और 150 से अधिक हत्या के मामले सामने आए हैं, हिमाचल प्रदेश में कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ गई है। अब तो उत्तर प्रदेश और बिहार जैसी सुनी सुनाई घटनाएं हिमाचल प्रदेश में होनेलग गई है, जुडशियल कॉम्प्लेक्स में किराए के गुंडे एक व्यक्ति पर गोलियां चलती है जो घायल हो जाता ह। उनको लाने वाले और कोई नहीं बल्कि बिलासपुर सदर के पूर्व विधायक के बेटे हैं जो कि अभी तक पकड़े नहीं गए हैं। इनको सरकार का पूर्ण संरक्षण मिला है और इसका प्रमाण इससे दिखता है कि उस पूर विधायक की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है और उनके बेटे को छुपाने की छूट मिल रखी है। बिलासपुर में बच्चा-बच्चा बोल रहा है कि चिट्टे का धंधा इनके संरक्षण में चल रहा है, इस चिट्टे के दौर में इसको रोकने के लिए प्राथमिकता बिल्कुल नहीं दी जा रही है, वह इसलिए क्योंकि इसी सरकार के लोग इस धंधे को चला रहे हैं। मुख्यमंत्री को इसकी पूरी जानकारी है फिर भी कुछ नहीं कर रहे हैं, भाजपा ने तय किया है कि कानून व्यवस्था के गंभीर मुद्दे को जन-जन तक पहुंचाएंगे। 

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