आईजीएमसी की एचआईवी डायग्नोस्टिक प्रयोगशाला
आईजीएमसी की एचआईवी डायग्नोस्टिक प्रयोगशाला राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड से मान्यता प्राप्त प्रदेश की पहली प्रयोगशाला बनी स्वास्थ्य सचिव एम सुधा देवी ने आज यहां बताया कि आईजीएमसी, शिमला के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की एचआईवी डायग्नोस्टिक प्रयोगशाला राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड से मान्यता प्राप्त करने वाली प्रदेश की पहली प्रयोगशाला बन गई है। उन्होंने जानकारी दी कि हिमाचल प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसाईटी के अंतर्गत कार्यरत माइक्रोबायोलॉजी विभाग की एचआईवी डायग्नोस्टिक प्रयोगशाला को 27 मई, 2024 को राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएल) द्वारा प्रदान किए गए प्रमाणन के साथ आईएसओ 15189ः2012 एनएबीएलः 112 की आवश्यकताओं को पूरा किया है। उन्होंने बताया कि यह प्रयोगशाला उच्च स्तर की गुणवत्तापूर्ण उच्च मानकों की स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रही है और एनएबीएल द्वारा यह प्रमाणीकरण बताता है कि यह प्रयोगशाला गुणवत्ता, विश्वसनीयता और प्रतिलिपि प्रस्तुत करने योग्य सुविधा सुनिश्चित कर रही है। एम सुधा देवी ने कहा कि प्रशिक्षण और अंशांकन प्रयोगशालाओं के लिए राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड भारतीय गुणवत्ता परिषद् का एक घटक बोर्ड है, जिसमें प्रशिक्षण की तकनीकी दक्षता के लिए प्रयोगशाला का तीसरे पक्ष का मूल्यांकन शामिल है। एचआईवी निदान प्रयोगशालाओं के लिए एनएबीएल मान्यता महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि यह गुणवत्ता क्षमता के अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन सुनिश्चित करती है। यह मान्यता निदान परिणामों की विश्वसनीयता और सटीकता को बल देती है जो प्रभावी रोगी प्रबन्धन और सार्वजनिक स्वास्थ्य रणनीतियों के लिए महत्त्वपूर्ण है।