मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह का सिक्सर भाजपा धराशाई
हिमाचल प्रदेश की राजनीति में यह पहला ऐसा मौका है जब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह एक फाइटर के तौर पर सामने आए हैं विपक्ष का कहना है कि हिमाचल सरकार सिर्फ नंबर गेम में बच पा रही है लेकिन उनके पास बहुमत नहीं है यह कहना भाजपा नेता व विपक्ष पक्ष के नेता ठाकुर जयराम कह रहे हैं यह ठाकुर जयराम किस आधार पर कह रहे हैं वह अभी जनता समझ नहीं पा रही है लेकिन इतना जरूर है मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह शिमला और मंडी लोकसभा चुनाव के लिए विधायकों को आगे किया है उसे साफ होता है कि सुखविंदर सिंह फाइटर है जो सरकार को दरकिनार कर प्रदेश की जनता के सामने वास्तविक स्थिति लाना चाहते हैं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह के इस फैसले से यह तो साबित हो गया है कि उन्हें मुख्यमंत्री पद का कोई लालसा नहीं है वही चाहते हैं कि जो प्रदेश की जनता फैसला देती है उसका वह सम्मान करेंगे राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है यह पहला मौका है जब किसी मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार को ही दाव पर लगा दिया हो जहां तक भाजपा नेताओं का आकलन था कि विधायकों की नंबर गेम में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सही आकलन नहीं कर रहे हैं वहीं मुख्यमंत्रीसुखविंदर सिंह मैं सरेआम ऐलान कर दिया है की विधायकों को भी लोकसभा का चुनाव लड़ा जाएगा और अब देश की जनता लोकसभा चुनाव के लिए अपना जनमत देगी वही साथ-साथ विधानसभा के लिए भी ऐसे उम्मीदवारों का चयन करेगी जो सांप पाक होंगे मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह का यह फैसला जनमत किस तरह से लेती है वह भी अपने आप में एक प्रश्न है लेकिन इतना आता है सुखविंदर सिंह सुकून है जो मास्टर स्ट्रोक खेल है उसके लिए भाजपा भी सन हो गई है भले ही पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर रोज रोज यह बयान देते हैं कि सुखविंदर सिंह सरकार अल्पमत में है लेकिन वह यह तय नहीं कर पा रही की नंबर गेम में भले ही काल्पनिक तौर पर भाजपा यह तय कर रही है की मुख्यमंत्री बीजेपी का होगा लेकिनl पर संवैधानिक तौर पर वर्तमान कांग्रेस सरकार ही सट्टा चलाएगी राजनीतिक विश्लेषण यह मानते हैं कि किसी भी सरकार को जिसके पास जनमत साथ हो वह सरकार चलानी चाहिए लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जनमत के खिलाफ जाकर इस तरह की बैंड बाजी कर जनमत के अधिकार को लेकर सवाल खड़ा करती है जो कि शायद एक आम वोट देने वाले के लिए निराशाजनक होता है उल्लेखनीय है कि इस समय कांग्रेस सरकार पूरी तरह बहुमत में है और आने वाले चुनाव में चाहे हुए बाकी हुए उम्मीदवार को हो या फिर निर्दलीय हूं इसका फैसला तो अदालत में होगा लेकिन जनता जनार्दन यह चाहती है कि हिमाचल प्रदेश में बहुमत की सरकारी सत्ता को चलाएं ताकि प्रदेश का विकास हो सके