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उच्च शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों द्वारा एडमिशन रद्द करवाने पर अब पूरी फीस रिफंड होगी

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शिमला। उच्च शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों द्वारा एडमिशन रद्द करवाने पर अब पूरी फीस रिफंड होगी। विश्वविद्यालय के अलावा कालेज और अन्य सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को नए नियमों के तहत प्रवेश लेने के बाद एडमिशन रद्द करवाने या फिर किसी अन्य शिक्षण संस्थान में प्रवेश लेने पर संबंधित विद्यार्थी की फीस वापस करनी होगी। इसको लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यूजीसी ने आदेश जारी कर दिए हैं। इससे विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को बड़ी राहत मिली है।

 

यूजीसी ने आदेशों में साफ किया है कि सत्र 2022.23 के दौरान अगर कोई विद्यार्थी 31 अक्तूबर 2022 तक अपनी एडमिशन रद्द करवाता है या फिर माइग्रेट होता है तो उसकी पूरी फीस रिफंड होगी। इसमें शिक्षण संस्थान की ओर से कैंसलेशन चार्जिस भी नहीं लिए जाएंगे। इसके बाद अगर कोई विद्यार्थी 1 नवंबर से 31 दिसंबर तक अपनी एडमिशन रद्द करवाता है या फिर माइग्रेट होगा तो शुल्क के तौर पर शिक्षण संस्थानों को प्रोसैसिंग फीस के 1 हजार रुपए काट सकेंगे। इसके अतिरिक्त शेष पूरी फीस वापस करनी होगी।

 

इसको लेकर यूजीसी ने विश्वविद्यालयों के कुलपति और कालेजों के प्राचार्यों को पत्र लिखा है। पत्र के माध्यम से साफ किया गया है कि सभी उच्च शिक्षण संस्थान फीस रिफंड के आदेशों की अनुपालना सख्ती से करें। बीते जुलाई माह में यूजीसी ने उच्च शिक्षण संस्थानों को सीबीएसई के जमा 2 कक्षा के परिणाम घोषित होने के बाद स्नातक प्रवेश की समयसीमा निर्धारित करने के लिए कहा था। एक अन्य पत्र में यूजीसी ने निर्देश दिए थे कि सीयूईटी जेईई मेन जेईई एडवांस जैसी प्रवेश परीक्षाओं के आयोजन में देरी हुई है। इस कारण उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश प्रक्रिया अक्तूबर 2022 तक जारी रखी जा सकती

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