73 से 80 साल तक के नेता अजमा रहे किस्मत
हिमाचल विधानसभा चुनाव के बीच कई रोचक किस्से भी सामने आ रहे हैं। आलम ये है कि उम्र के 80 वर्ष पार कर चुके बुजुर्ग भी चुनाव में किस्मत आजमाने में पीछे नहीं हैं। इन चुनाव में कांग्रेस की ओर से सोलन के विधायक कर्नल धनीराम शांडिल की उम्र सबसे ज्यादा 82 साल है। शांडिल इस मर्तबा भी चुनाव मैदान में हैं। उनका मुकाबला अपने ही दामाद डॉ राजेश कश्यप से है। 2017 के चुनाव में भी धनीराम शांडिल अपने दामाद को हरा चुके हैं। इसी तरह कांग्रेस में कर्नल शांडिल के बाद सबसे उम्रदराज हैं। द्रंग से कांग्रेस के 8 बार के विधायक रह चुके कौल सिंह ठाकुर हैं। 76 साल के कौल सिंह का मुकाबला बीजेपी के पूर्ण चंद ठाकुर के साथ है। अब आगे बात करते हैं चंबा के भरमौर से ठाकुर सिंह भरमौरी की। भरमौरी 75 साल के हैं। बीजेपी ने यहां से डॉ जनक राज को मैदान में उतारा है। बिलासपुर के श्री नयना देवी सीट से कांग्रेस प्रत्याशी एवं वर्तमान विधायक ठाकुर राम को पार्टी ने फिर से प्रत्याशी बनाया है। 71 साल के राम लाल का मुकाबला बीजेपी के रणधीर शर्मा से है। वहीं बीजेपी की ओर से सबसे उम्रदराज कुल्लू से 73 वर्ष के महेश्वर सिंह हैं। उनका मुकाबला कांग्रेस के वर्तमान विधायक सुंदर सिंह ठाकुर से है। देहरा में बीजेपी ने रमेश चंद धवाला को चुनाव मैदान में उतारा है। 71 साल के धवाला वर्तमान में ज्वालामुखी से विधायक हैं। बीजेपी ने इस मर्तबा इन्हें ज्वालामुखी के बजाए देहरा से उतारा है। कांग्रेस पार्टी ने यहां से डॉ राजेश शर्मा को इनके सामने उतारा है। देहर में निर्दलीय होशियार सिंह भी मैदान में हैं। वह वर्तमान में देहरा के विधायक भी हैं। पिछली मर्तबा निर्दलीय जीतकर आए थे,बीजेपी के एसोसिएट विधायक बनकर पांच साल रहे। पांचवें साल में बीजेपी ज्वाइन कर ली,लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं के विरोध के चलते बीजेपी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। मजबूरन होशियार सिंह को निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरना पड़ा। बीजेपी ने शिमला शहरी के 70 साल के विधायक सुरेश भारद्वाज को इस बार कुसुम्पटी से टिकट दिया है। यहां इनकी टक्कर कांग्रेस के दो बार के विधायक अनिरुद्ध सिंह से है। कुल मिलाकर उम्रदराज नेता चाहे कांग्रेस हो या बीजेपी चुनावी मैदान से हटना ही नहीं चाहते हैं।