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केंद्र सरकार की योजनाओं पर रिवाज बदलेगी जय राम सरकार ओ पी एस का मुद्दा या फिर महंगाई का होगा बड़ा मुद्दा 

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केंद्र सरकार की योजनाओं पर रिवाज बदलेगी जय राम सरकार ओ पी एस का मुद्दा या फिर महंगाई का होगा बड़ा मुद्दा

भारतीय जनता पार्टी की सरकार विधानसभा चुनावों में रिवाज बदलने की बात कर रही है लेकिन हाल ही में हुए विधानसभा के उपचुनाव में  भाजपा को मिली करारी हार रिवाज बदल पाएगी हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ताल ठोक कर कह रहे हैं हिमाचल प्रदेश में डबल इंजन की सरकार का फायदा जनता जान चुकी है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही प्रधानमंत्री देखना चाहती है मुख्यमंत्री के इस बयान से लगता है कि राज्य सरकार इन चुनावों में प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर ही नैया पार करना चाहती है जबकि जयराम सरकार और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी अपने-अपने क्षेत्रों में धरातल पर कोई विशेष काम नहीं कर पाए इतना ही नहीं भाजपा के भीतर नेताओं में आपसी खींचातानी भी स्पष्ट नजर आई इतना ही नहीं केंद्रीय मंत्री और हमीरपुर के सांसद अनुराग ठाकुर ने तो यहां तक कह दिया था कि जयराम सरकार पर अफसरशाही हावी हो गई है इसके अलावा हिमाचल प्रदेश में ज्यादातर कल्याणकारी योजनाएं केंद्र सरकार की तरफ से ही चल रही है और अन्य योजनाओं पर भी पैसा केंद्र सरकार से आ रहा है ऐसे में जयराम सरकार के पास अपनी सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख कहीं नजर नहीं आ रहा भाजपा के सामने समय सबसे बड़ी चुनौती कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली का मामला है जो भाजपा पर भारी पड़ सकता है इसके अलावा महंगाई बेरोजगारी किसानी बागवानी जैसे अहम मुद्दे हैं जहां तक उद्योगों में रोजगार की बात है तो आज तक ऐसा कोई आंकड़ा सामने आया नहीं जिससे पता चल सके कि हिमाचल के उद्योगों में हिमाचली बेरोजगार युवाओं को कितना रोजगार मिला इसके साथ-साथ कितने उद्योग हिमाचल प्रदेश से पलायन कर गए इस बारे में भी किसी को कोई पता नहीं विपक्ष का मानना है किबारे में भी किसी को कोई पता नहीं विपक्ष का मानना है कि जयराम जयराम सरकार आम आदमी के मुद्दों को लेकर कोई बात नहीं कर रहा यहां तक कि प्रधानमंत्री के दौरों में भी प्रदेश में बढ़ती महंगाई बेरोजगारी किसानी बागवानी को लेकर हो रही परेशानियों पर कोई बात नहीं हुई उल्लेखनीय है कि इस बार हिमाचल प्रदेश की जनता राष्ट्रवाद के मुद्दे पर ज्यादा प्रतिक्रिया देने देती नहीं दिख रही कर्मचारी वर्ग खुलकर सरकार का विरोध कर रहा है सरकार का हर दूसरा विभाग संघर्ष के लिए सड़कों पर उतरने को तैयार है जो कि सरकार के पक्ष में नहीं दिखते हिमाचल प्रदेश में साल 1985 के बाद अब तक सता बदलती नजर आई है जिसको लेकर कांग्रेस उत्साहित है उधर जयराम सरकार रिवाज बदलने की बात कर रही है जबकि रिवाज बदलने के लिए सरकार के पास ऐसी कोई उपलब्धि नहीं है जो इस रिवाज को बदल सके केंद्र सरकार की योजनाओं पर राज्य सरकार रिवाज बदलने की बात कर रही है यह भी अपने आप में सवाल है इस इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों में हिमाचल के 55 लाख के करीब मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे

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