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सेब उत्पादकों की मांगों पर होगा मंथन कर रहे सरकार का इंतजार

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शिमला। हिमाचल के सेब बागवान कई मसलों पर सरकार से राहत की मांग कर रहे है लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ है। अब सेब उत्पादकों को नई सरकार से राहत की उम्मीद जगी है। बागवानों ने नई सरकार को लिखे एक पत्र में सेब बागवानों की समस्याओं के जल्द समाधान का आग्रह किया है। संयुक्त किसान मंच ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को लिखे पत्र में 20 सूत्रीय मांगों के समाधान का आग्रह किया है। मंच के संयोजक हरीश चौहान और सह संयोजक संजय चौहान की ओर से लिखे पत्र में सरकार का ध्यान इन समस्याओं की ओर दिलाया है। संयुक्त किसान मंच का कहना है कि प्रदेश की करीब 89 फीसदी आबादी के रोजगार व आजीविका का मुख्य स्रोत कृषि व बागवानी ही है। किसानों व बागवानों को उनके उत्पाद का उचित दाम नहीं मिल रहा है। इसलिए सरकार के हस्तक्षेप के बिना इस संकट से बाहर निकलने की कोई और संभावना नहीं है। सेब व अन्य फलों, फूलों व सब्जियों की पैकेजिंग में इस्तेमाल किए जा रहे कार्टन पर जीएसटी खत्म करके कीमतों में की गई भारी वृद्धि वापस ली जाए और इनकी गुणवत्ता पर भी सरकार नियंत्रण करे। बागवानों से लिए गए सेब का बकाया 90 करोड़ का भुगतान तुरन्त किया जाए। बागवानों का करीब 90 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान अभी भी बकाया है।ग्रेड के सेब के लिए क्रमशः 60 रुपये, 44 रुपये व 24 रुपये प्रति किलो समर्थन मूल्य पर खरीद की जाये। खाद, बीज, कीटनाशक, फफूंदी नाशक व अन्य लागत वस्तुओं पर दी जा रही सब्सिडी को पुनः बहाल किया जाए और सरकार कृषि व बागवानी विभागों के माध्यम से किसानों व बागवानों को उचित गुणवत्ता वाली लागत वस्तुएं सस्ती दरों पर उपलब्ध करवाए। इसके लिए एक कोष का गठन किया जाए। सेब पर आयात शुल्क कम से कम 100 प्रतिशत किया जाए तथा इसे मुक्त व्यापार से बाहर किया जाए। किसानों से प्रदेश में विभिन्न बैरियरों पर ली जा रही मार्किट फीस वसूली पर तुरन्त रोक लगनी चाहिए।

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