नगर निगम शिमला चुनाव का रास्ता साफ
शिमला नगर निगम के चुनाव का रास्ता साफ हो गया है। नई सरकार के गठन के बाद शिमला नगर निगम के चुनाव होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के 5 वार्डों के पुनर्गठन को लेकर जारी किए गए आदेशों पर रोक लगा दी है। राज्य चुनाव आयोग अब शिमला नगर निगम के 5 वार्डों की मतदाता सूची को अपग्रेड करने का काम शुरू करेगा। प्रदेश उच्च न्यायालय ने शिमला नगर निगम के 5 वार्डों के पुनर्गठन पर स्टे लगाया था। इससे मतदाता सूची का काम रुक गया था और चुनाव नहीं हो पाए। प्रदेश उच्च न्यायालय ने इस संबंध में 2 बार आदेश जारी किए थे। जिला उपायुक्त ने प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेशों के बाद वार्डों का पहले वाला पुनर्गठन रखा। प्रदेश उच्च न्यायालय ने फिर नियमों के आधार पर पुनर्गठन करने को कहा। प्रदेश उच्च न्यायालय के इन आदेशों पर राज्य निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका दायर की। इस पर सुप्रीम कोर्ट में राज्य निर्वाचन आयोग के हक में फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट के निर्णय पर रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद अब आयोग 5 वार्डों की मतदाता सूची को अपग्रेड करने का काम जल्द शुरू करेगा। इसके बाद चुनाव कराए जाएंगे। बता दें कि नाभा वार्ड की पार्षद सिम्मी नंदा और राजीव ठाकुर ने नगर निगम शिमला के 5 वार्डों के पुनर्गठन पर स्टे लिया। याचिकाकर्ता का आरोप था कि राजनीतिक लाभ लेने के उद्देश्य से इन वार्डो का पुनर्सीमांकन किया गया, जो कानून की दृष्टि से गलत है। प्रदेश उच्च न्यायालय ने नगर निगम शिमला के चुनाव के लिए 5 वार्डों के डी-लिमिटेशन पर रोक लगा दी। मामला हाईकोर्ट में चलता रहा। राज्य निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका दायर की और सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के निर्णय पर रोक लगा दी। प्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद कभी भी शिमला नगर निगम का चुनाव हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट से आदेश की लिखित कॉपी मिलने के बाद आयोग मतदाता सूची को अपग्रेड करने का अपना काम शुरू कर देगा। जिन 5 वार्डों की मतदाता सूची को अपग्रेड किया जाना है, उनमें नाभा, फागली, टूटीकंडी, बालूगंज और समरहिल वार्ड शामिल हैं। इनकी मतदाता सूची को अपग्रेड किया जाना है। उधर ,सचिव राज्य निर्वाचन आयोग सुरजीत राठौर ने माना कि शिमला नगर निगम के 5 वार्डों के पुनर्गठन पर सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के निर्णय पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर की लिखित कॉपी मिलने के बाद आयोग अपनी अगली कार्रवाई शुरू करेगा। बता दें कि शिमला नगर निगम का कार्यकाल 18 जून 2022 को पूरा हो गया है। मामला हाईकोर्ट में जाने की वजह से राज्य चुनाव आयोग चुनाव नहीं करवा पाया। अब चुनाव के लिए 6 महीने का समय ऊपर हो गया है। राज्य सरकार ने उपायुक्त को निगम का प्रशासक नियुक्त किया है। अब सुप्रीम कोर्ट से हाईकोर्ट के ऑर्डर पर लगी रोक के बाद आयोग चुनाव की तैयारी में जुट जाएगा।