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प्रदेश के दूर-दराज क्षेत्रों में आयोजित होंगी रेडक्रॉस की गतिविधियांः राज्यपाल

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माता एवं शिशु स्वास्थ्य देखभाल विषय पर सप्ताह भर चलेंगे कार्यक्रम
शिमला। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, जो राज्य रेडक्रॉस के अध्यक्ष भी हैं, ने रेडक्रॉस के स्वयं सेवकों का आह्वान किया कि उन्हें संगठन के माध्यम से समाज को अपना बहुमूल्य योगदान देने के भाव से आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे रेडक्रॉस से जुड़कर परिवार के रूप में कार्य करें जिससे समाज सेवा के बेहतर परिणाम सामने आएंगे।राज्यपाल आज यहां रेडक्रॉस भवन में हिमाचल प्रदेश राज्य रेडक्रॉस अस्पताल कल्याण शाखा की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।उन्होंने कहा कि हर वर्ष 8 मई को अंतरराष्ट्रीय रेडक्रॉस दिवस मनाया जाता है। इस दिवस पर रेडक्रॉस का झण्डा पिनअप कर संगठन की गतिविधियों को और प्रभावी तरीके से संचालित करने के लिए धनराशि एकत्रित की जाती है। उन्होंने कहा कि 8 मई के बाद भी पूरे सप्ताह विभिन्न गतिविधियां संचालित की जानी चाहिएं। उन्होंने कहा कि इस बार रेडक्रॉस माता एवं शिशु स्वास्थ्य देखभाल के अपने विषय को लेकर क्षेत्रीय स्तर पर कार्य करेगा। जिला स्तर पर उपायुक्तों और जिला रेडक्रॉस सचिवों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और अस्पतालों को इस कार्य में जोड़कर ज़मीनी स्तर पर कार्य किया जाएगा।राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि अस्पताल कल्याण शाखा की सभी सदस्य केवल अस्पतालों तक ही सीमित न रहकर क्षेत्रीय स्तर पर भी अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि समस्याओं से भागने की ज़रूरत नहीं है, उनके समाधान के लिये मिलकर कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि रेडक्रॉस ईश्वरीय कार्य है, जो हमारे माध्यम से हो रहा है। रेडक्रॉस एक बड़ा संगठन है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्य कर रहा है। हमें इससे जुड़कर प्रदेश स्तर पर बेहतर करके दिखाना है। उन्होंने कहा कि नालागढ़ में रेडक्रॉस ब्लड बैंक शीघ्र बनकर तैयार हो जाएगा। उन्होंने इस मौके पर रेडक्रॉस अस्पताल कल्याण शाखा की नियमित बैठकें आयोजित करने के निर्देश भी दिए।राज्य रेडक्रॉस अस्पताल कल्याण शाखा की अध्यक्ष तथा राष्ट्रीय रेडक्रॉस प्रबंधन समिति की सदस्य डॉ. साधना ठाकुर ने इस अवसर पर राज्यपाल का स्वागत करते हुए गत दो वर्षों की गतिविधियों का विस्तृत ब्यौरा दिया। उन्होंने कहा कि राज्य रेडक्रॉस अस्पताल कल्याण शाखा ने कोरोना महामारी के दौरान व्हाट्स एप्प ग्रुप बनाकर होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को परामर्श सेवाएं उपलब्ध करवाईं। उन्होंने कहा कि 22 चिकित्सकों का पैनल तैयार किया गया था, जो अपने स्लॉट पर कोरोना मरीज़ों से बात करते थे। इस दौरान राष्ट्रीय इकाई से काफी मदद मिली। उन्होंने कहा कि वन विभाग के सहयोग से रेडक्रॉस ने वन महोत्सव का आयोजन कर एक दिन में एक लाख पौधे रोपित किये। इस दौरान, रक्तदान शिविर, आश्रमों का दौरा, स्वास्थ्य किट का वितरण किया गया। उन्होंने कहा कि स्वयं सेवकों ने मास्क तैयार कर उनका वितरण, कम्बल, टेंट, निःशुल्क राशन इत्यादि गरीबों को रेडक्रॉस के माध्यम से दिए।बैठक में निर्णय लिया गया कि मई के अंतिम सप्ताह तथा जून के पहले सप्ताह के बीच रेडक्रॉस मेले का आयोजन किया जाएगा।इससे पूर्व, राज्य रेडक्रॉस अस्पताल कल्याण शाखा की अवैतनिक सचिव डॉ. किमी सूद ने राज्यपाल का स्वागत किया।राज्य रेडक्रॉस के सचिव संजीव कुमार ने राज्यपाल तथा अन्य पदाधिकारियों का स्वागत किया।राज्यपाल के सचिव एवं राज्य रेडक्रॉस के महासचिव विवेक भाटिया ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया।राज्य रेडक्रॉस अस्पताल कल्याण शाखा की उपाध्यक्ष मधु सूद ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।

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