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नगर निगम शिमला के अतिरिक्त आयुक्त बाबू राम शर्मा से मिला व उन्हें एक मांग पत्र सौंपा- सीटू

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रेहड़ी फड़ी तयबजारी यूनियन सम्बन्धित सीटू का एक प्रतिनिधिमंडल रेहड़ी फड़ी तयबजारी को उजाड़ने के खिलाफ नगर निगम शिमला के अतिरिक्त आयुक्त बाबू राम शर्मा से मिला व उन्हें एक मांग – पत्र सौंपा। प्रतिनिधिमंडल में सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा,यूनियन प्रदेशाध्यक्ष राकेश कुमार व जिलाध्यक्ष सुरेंद्र बिट्टू,सीटू राज्य कमेटी सदस्य राम प्रकाश,दर्शन लाल,संजीव कुमार,अनिल कुमार,रोहित,चंदन,सिकेन,दीपक, राजकुमार,पप्पू यादव,अशोक,कुंदन,रविन्द्र,दलीप,सन्नी,कैलाश,पंकज,अशोक यादव,हेमराज,प्रताप,नंदा देवी,कमला,सुदेश,पूजा व संजय आदि शामिल रहे। यूनियन ने नगर निगम शिमला को चेताया है कि अगर स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट 2014 को सख्ती से लागू न किया गया व तयबजारियों को कानून के विरुद्ध उजाड़ना बन्द न किया गया तो यूनियन आयुक्त कार्यालय का घेराव करने को मजबूर होगी।

सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा,यूनियन प्रदेशाध्यक्ष राकेश कुमार व जिला शिमला अध्यक्ष सुरेंद्र बिट्टू ने कहा कि नगर निगम शिमला व आईजीएमसी प्रशासन के अधिकारी रेहड़ी फड़ी तयबजारी में कार्यरत लोगों को लगातार बेवजह परेशान कर रहे हैं। उनका समान जब्त कर रहे हैं। उनसे मार – पीट कर रहे हैं। उन्हें डरा-धमका रहे हैं। उनसे बदतमीजी कर रहे हैं। ऐसा करके प्रशासन के अधिकारी स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट 2014 का खुला उल्लंघन कर रहे हैं। एक तरफ नगर निगम शिमला इस कारोबार के दायरे से बाहर अपने व प्रदेश सरकार के दर्जनों चहेतों को गैरकानूनी तरीके से स्ट्रीट वेंडर्स सर्टिफिकेट जारी करता रहा है और दूसरी ओर रेहड़ी फड़ी तयबजारी का वास्तविक कार्य करने वाले सैंकड़ों लोगों को आज भी स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट के नियमानुसार सर्टिफिकेट जारी नहीं हुए हैं। यह भ्रष्टाचार है जिस पर माननीय उच्च न्यायालय हिमाचल प्रदेश भी जनवरी 2020 में टिप्पणी कर चुका है व दोषी अधिकारी को अपने पद से हटा चुका है व उसकी अवनति(डिमोशन) कर चुका है।

स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट के अनुसार बनी टाउन वेंडिंग कमेटी की बैठक समयानुसार नहीं हो रही है। कानून लागू होने की 8 वर्ष की अवधि के बाद भी नए रेहड़ी फड़ी तयबजारियों को सर्टिफिकेट जारी नहीं किए जा रहे हैं जोकि कानूनी तौर पर उनका हक है। अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए नगर निगम शिमला रेहड़ी फड़ी तयबजारी के पेशे में लगे लोगों को बेवजह तंग कर रहा है। इस मुहिम में आईजीएमसी प्रशासन भी शामिल हो गया है जिसके अधिकारी लक्कड़ बाजार व आईजीएमसी के बीच में बैठे तयबजारियों से मारपीट कर रहे हैं। यह पूर्णतः गैर कानूनी है। यह संविधान के अनुच्छेद 21 के जीने के अधिकार का घोर उल्लंघन है। यह स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट 2014 का भी खुला अपमान है। तयबजारियों से जब्त किए जा रहे सामान को उन्हें वापिस नहीं दिया जा रहा है जबकि स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट की धारा 19 साफ कहती है कि जब्त सामान को 24 से 48 घण्टे के मध्य हर हाल में वापिस लौटाया जाना चाहिए। जब्त सामान की सूची न बनाकर नगर निगम प्रशासन के जिम्मेवार अधिकारी भ्रष्टाचार भी कर रहे हैं। यह असहनीय है। उन्होंने इस सब पर तुरन्त रोक लगाने की मांग की। उन्होंने स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट के अनुसार गैर पंजीकृत तयबजारियों को तुरन्त सर्टिफिकेट जारी करने की मांग की। उन्होंने पंजीकृत अथवा गैर पंजीकृत सभी तयबजारियों को उजाड़ने की प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की है क्योंकि स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट तयबजारियों को बसाने की बात करता है व यह किसी को उजाड़ने की इजाज़त नहीं देता है।

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