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जयराम सरकार ने राइडर की शर्त हटाई. शिमला। हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल ने सूबे के 35 हजार कर्मचारियों पर लगाए दो साल के राइडर को हटा दिया है। अब इनका दोबारा से वेतन निर्धारण होगा और उच्च वेतनमान का लाभ मिलेगा। इससे कर्मचारियों को के वेतन में 17 से 20 हजार रुपये के तक की बढ़ोतरी होगी। राज्य सचिवालय शिमला में सोमवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में सरकार ने कर्मचारियों के हित में बहुप्रतीक्षित फैसला लिया है। दरअसल कुछ श्रेणियों के तृतीय श्रेणी के कई कर्मचारी पे बैंड फोर से पे बैंड थ्री में नहीं जा पा रहे थे। ऐसे कर्मचारियों में क्लर्क, जेओए आदि श्रेणियां शामिल थीं।नए वेतनमान के नियमों में इन श्रेणियों के लिए प्रावधान नहीं किए गए थे। यह वह श्रेणियां हैं, जिन्हें नियुक्ति के दो साल बाद ही उच्च वेतनमान के लाभ दिए जाते हैं। हालांकि, इस तरह की कुछ अन्य श्रेणियों को आर्थिक लाभ मिल रहे थे और ये भेदभाव होने की बात कर रहे थे। यही दो साल का राइडर हटाकर नए वेतनमान को संशोधित करने का निर्णय लिया गया है। राज्य मंत्रिमंडल ने सीसीएस अवकाश नियम-1972 के नियम 43-बी के तहत बच्चा गोद लेने वाली राज्य सरकार की नियमित महिला कर्मचारियों को 180 दिन का बाल दत्तक ग्रहण अवकाश देने की स्वीकृति भी दी। 
घर या फ्लैट खरीदने को ले सकेंगे बेसिक पे का 25 गुणा कर्ज 
हिमाचल प्रदेश में घर बनाने या फ्लैट खरीदने पर कर्मचारी सरकार से बेसिक पे का 25 गुणा कर्ज ले सकेंगे। कर्मचारी 15 लाख रुपये तक अधिकतम हाउस बिल्डिंग कर्ज ले सकेंगे। यह कर्ज घर या फ्लैट की वास्तविक लागत के बराबर लिया जा सकेगा।  इसके लिए राज्य सरकार के वित्त विभाग ने अधिसूचना जारी कर दीk है। अधिसूचना के अनुसार कास्ट सीलिंग लिमिट मूल वेतन की 100 गुणा होगी, जो 60 लाख रुपये तक होगी। इसमें 60 लाख रुपये की संशोधित लागत सीलिंग के 25 फीसदी तक रियायत होगी।

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