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सताधारी कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र बचाने के लिए मशाल यात्रा, भाजपा को बताया दोषी

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शिमला विमल शर्मा ……………..हिमाचल प्रदेश के इतिहास में यह पहला मौका है जब प्रदेश में काबिज सरकार लोकतंत्र को बचाने के लिए मशाल यात्रा निकालने को मजबूर हो गई है इतिहास गवाह है कि चुनी हुई सरकार अपनी ही सरकार को बचाने के लिए इस तरह का कदम उठाने के लिए मजबूर हुई है मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह के नेतृत्व में निकाली गई इस मशाल यात्रा में उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों सहित कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाग लिया और भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ जमकर प्रहार किया मुख्यमंत्री ने लोगों से आह्वान किया कि वह लोकतंत्र को बचाने के लिए और सरकार को दिए जनादेश को लेकर खुलकर सामने आए और भाजपा द्वारा बनाए गए हाथ कांडों का जमकर विरोध करें मंगलवार 12 मार्च को सर्वोच्च न्यायालय में कांग्रेस से बागी हुए विधायकों के फैसले को लेकर सुनवाई होनी है जिसको लेकर पूरे प्रदेश और देश की नजर है देश के बड़े राज्यों में इस तरह की राजनीतिक उथल-पुथल तो देखने को मिलती है लेकिन छोटे पहाड़ी राज्यों में भी इस तरह की व्यवस्था का चलान कई सवाल खड़े करता है चुनी हुई सरकार को अगर इस तरह लोकतंत्र की दुहाई को लेकर सड़कों पर प्रदर्शन करने पड़े तो आम जनमानस के विकास योजनाओं व अन्य कार्यों को लेकर विराम लगना स्वाभाविक है कुल मिलाकर देखा जाए तो भारत के संविधान के तहत यह प्रावधान तो किया गया है कि दल बदल कानून के तहत किसी भी राजनेता को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है ताकि जनादेश का दुरुपयोग ना हो सके बहरहाल जो भी है मौजूदा समय में हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल बना हुआ है और सब की नजरे कल के फैसले पर ही टिकी हुई लगी है मुख्यमंत्री आम आदमी की सरकार की दुहाई देते प्रदेश की जनता से सहयोग की अपील कर रहे हैं..मुख्यमंत्री ने कहा कि वह साधारण परिवार से संबंध रखते हैं और कड़ी मेहनत व संघर्ष के बूते पर आज जनसेवक के रूप में कार्यरत हैं। आम लोगों के लिए कुछ करने की दृढ़ इच्छाशक्ति से ही आर्थिक चुनौतियों के बावजूद जनकल्याण के लिए योजनाएं आरंभ करने की प्रेरणा मिली है। अनाथ बच्चों के लिए मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना शुरू की तथा सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन बहाल की गई। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि जनमत एवं पार्टी विचारधारा के साथ दगा करना हिमाचल की संस्कृति नहीं है। यहां के लोग ईमानदार हैं और जब कोई भी जन-प्रतिनिधि अपना ईमान बेचता है तो उसे प्रदेश की जनता कभी माफ नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार पांच साल तक लोगों की सेवा करती रहेगी और किसान, महिलाएं और युवा ही हमारी ताकत हैं। उन्होंने कहा कि वह सत्ता के भूखे नहीं हैं और जीवन भर उन्होंने संघर्ष किया है। हम सत्ता सुख के लिए नहीं बल्कि व्यवस्था परिवर्तन के लिए आए हैं।

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