अनुबंध कर्मचारियों को नई अनुबंध नीति पर कड़ा एतराज
शिमला। हिमाचल सरकार के 6 हजार अनुबंध कर्मचारियों ने सरकार से नई अनुबंध नीति को रद्द कर पुरानी अनुबंध नीति को बहाल करने की मांग की है। नई कॉन्ट्रैक्ट पॉलिसी में हर साल दो बार की बजाय मार्च में एक ही बार नियमितीकरण की बात कही गई है। कर्मचारियों का कहना है कि इससे उन्हें सैलरी के साथ वरिष्ठता का भी नुकसान उठाना पड़ेगा।अनुबंधित कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर शर्मा ने शिमला में प्रेसवार्ता में कहा कि कार्मिक विभाग ने 2 दिसंबर 2023 को जो अधिसूचना जारी की गई है, उसके तहत अब केवल मार्च में ही नियमितीकरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नियुक्ति के समय ऐसी कोई शर्त नहीं रखी गई थी। नियुक्ति के समय नियमितीकरण के लिए साल में दो बार नियमितीकरण की शर्त थी। कामेश्वर शर्मा ने कहा कि अब जबकि प्रदेश के 6 हजार कर्मचारी सितंबर माह में नियमित होने वाले थे, उन्हें मार्च 2025 तक का इंतजार करना होगा। उन्होंने कहा कि कोई भी निर्णय बैकडेट से लागू नहीं होता। महासंघ का कहना है कि 3 फरवरी को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सचिवों की बैठक होगी। सरकार इस मामले को बैठक में ले जाकर कोई निर्णय लें। लेकिन सरकार ने यह नीति उन पर भी थोपी है, जिनकी नियुक्तियां दो साल पहले हुई थीं। महासंघ को पूरी उम्मीद है कि इस मामले में भी बीच का रास्ता निकाल आएगा