एनपीएस कर्मचारियों ओपीएस पर फिर आश्वासन, हजारों कर्मचारी निराश
शिमला। एनपीएस कर्मचारियों की मांगों पर सरकार द्वारा गठित समिति की बैठक सोमवार दोपहर बाद मुख्य सचिव आर.डी. धीमान की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर कोई सकारात्मक निर्णय नहीं हो पाई पाया है। इसमें एनपीएस से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई।
बैठक में अवगत करवाया गया कि वर्ष 1971 में हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्यत्व का दर्जा प्राप्त होने के उपरान्त प्रदेश सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों के लिए केन्द्र सरकार के सेवा नियम लागू किए गए हैं। हिमाचल और अन्य राज्यों ने केन्द्र सरकार की तर्ज पर राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली अपने कर्मचारियों पर लागू की है। उन्होंने कहा कि करीब 1.15 लाख एनपीएस कर्मचारियों को वर्तमान प्रदेश सरकार ने वर्ष 2018 के उपरांत अनेक लाभ प्रदान किए हैं।
सरकार द्वारा एक अप्रैल 2019 से सरकारी अंशदान 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत किया गया। इससे एनपीएस कर्मियों को 175 करोड़ रुपये सालाना अतिरिक्त लाभ प्राप्त हो रहा है। इससे कर्मियों को अधिक पेंशन मिलेगी। एनपीएस कर्मचारियों के लिए सरकार 911 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष अंशदान देगी, जो वर्ष 2017-18 में 260 करोड़ रुपये था। राज्य सरकार द्वारा अन्य कर्मचारियों की तर्ज पर एनपीएस कर्मियों को भी अब फैमिली पेंशन/इनवेलिड पेंशन की सुविधा वर्ष 2003 से दी गई है।
बैठक में बताया गया कि वर्तमान सरकार द्वारा वर्ष 2003 से 2017 के बीच छूटे हुए एनपीएस कर्मियों को अन्य कर्मियों की तरह वर्ष 2003 से ग्रेच्युटी का लाभ दिया गया और इस पर 110 करोड़ रुपये व्यय किए गए। प्रदेश में बढ़ी हुई ग्रेच्युटी का लाभ एनपीएस कर्मियों को अन्य कर्मचारियों की तर्ज पर दिया गया। केन्द्र सरकार ने एनपीएस कर्मियों को आयकर में विभिन्न छूट प्रदान की हैं और अन्तिम निकासी पूर्णतया कर मुक्त कर दी गई है।