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प्रदेश में कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को दिया जा रहा बढ़ावा….

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हिम उन्नति से सुनिश्चित होगी उन्नत कृषि की राह, प्रदेश में 1239 क्लस्टर की पहचान
हिमाचल प्रदेश को कृषि उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने तथा किसानों की आर्थिकी सुदृढ़ करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए नित नए नवाचारों को बढ़ावा दे रहे हैं। प्रदेश सरकार की हिम उन्नति, मुख्यमंत्री कृषि संवर्द्धन योजना, मुख्यमंत्री कृषि उत्पादन संरक्षण जैसी योजनाएं किसानों के सुनहरे भविष्य के सपने को साकार करने का ज़रिया बन रही हैं। सरकार द्वारा वर्ष 2023-24 में कृषि विकास के लिए 607.47 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है।हिमाचल प्रदेश की अधिकांश जनसंख्या अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है और यह क्षेत्र लगभग 70 प्रतिशत लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान कर रहा है। राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्रों का लगभग 13.47 प्रतिशत योगदान है। प्रदेश में 9.97 लाख किसान परिवार हैं तथा 9.44 लाख हैक्टेयर भूमि पर काश्त होती है। प्रदेश में 88.86 प्रतिशत किसान सीमान्त तथा लघु वर्ग के हैं जिनके द्वारा 55.93 भूमि पर खेती की जाती है। प्रदेश के 10.84 प्रतिशत किसान मध्यम श्रेणी से हैं और केवल 0.30 प्रतिशत किसान ही बड़े किसानों की श्रेणी में आते हैं। खाद्यान्नों  के अन्तर्गत वर्ष 2022-23 में राज्य में 738.14 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में 1593.92 हजार मीट्रिक टन उत्पादन दर्ज किया गया है।बल देते हुए प्रदेश में 11 मृदा परीक्षण, 3 उर्वरक परीक्षण, 3 बीज परीक्षण, 2 जैव नियंत्रण, एक राज्य कीटनाशक परीक्षण, एक जैव उर्वरक उत्पादन व गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला का संचालन किया जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश की अधिकांश जनसंख्या अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है और यह क्षेत्र लगभग 70 प्रतिशत लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान कर रहा है। राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्रों का लगभग 13.47 प्रतिशत योगदान है। प्रदेश में 9.97 लाख किसान परिवार हैं तथा 9.44 लाख हैक्टेयर भूमि पर काश्त होती है। प्रदेश में 88.86 प्रतिशत किसान सीमान्त तथा लघु वर्ग के हैं जिनके द्वारा 55.93 भूमि पर खेती की जाती है। प्रदेश के 10.84 प्रतिशत किसान मध्यम श्रेणी से हैं और केवल 0.30 प्रतिशत किसान ही बड़े किसानों की श्रेणी में आते हैं। खाद्यान्नों  के अन्तर्गत वर्ष 2022-23 में राज्य में 738.14 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में 1593.92 हजार मीट्रिक टन उत्पादन दर्ज किया गया है।बल देते हुए प्रदेश में 11 मृदा परीक्षण, 3 उर्वरक परीक्षण, 3 बीज परीक्षण, 2 जैव नियंत्रण, एक राज्य कीटनाशक परीक्षण, एक जैव उर्वरक उत्पादन व गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला का संचालन किया जा रहा है।
प्रदेश सरकार कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्रों के सतत विकास की दिशा में कार्य कर रही है। सरकार कृषि क्षेत्र में उन्नत तकनीक को प्रयोगशाला से निकाल कर खेतों तक पहुंचाकर किसानों को लाभ पहुंचा रही हैं। सरकार की कल्याणकारी योजनाएं कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्रों के परिदृश्य को बदलने में सहायक सिद्ध होंगी।

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