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राज्यपाल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गुजरात में आयोजित आयुष्मान भव अभियान के शुभारम्भ समारोह में भाग लिया…….

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शिमला में आयोजित आयुष्मान भव राज्य स्तरीय कार्यक्रम की अध्यक्षता की

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज गुजरात से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयुष्मान भव अभियान का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने आयुष्मान भव पोर्टल भी लॉंच किया। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने नई दिल्ली से कार्यक्रम में भाग लिया। इस समारोह में विभिन्न राज्यों के राज्यपाल, उप-राज्यपाल, मुख्यमंत्री, संसद सदस्य और स्वास्थ्य मंत्री भी वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हिमाचल प्रदेश राज्य सचिवालय से आयुष्मान भव अभियान के शुभारम्भ समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल भी उपस्थित थे।
इसके उपरान्त, राज्य स्तर पर आयोजित आयुष्मान भव कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राज्यपाल ने कहा कि सबके सहयोग से देश के स्वास्थ्य क्षेत्र में तेजी से सकारात्मक बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि सभी के प्रयासों से देश ने बहुत ही कम समय में कोरोना वैक्सीन तैयार की और दूरदराज के क्षेत्रों तक भी इसकी पहुंच सुनिश्चित की। इसी भावना के साथ देश ने सबसे प्रभावी कोविड टीकाकरण अभियान को सफल बनाया। उन्होंने कहा कि कोई भी अभियान सामूहिक प्रयासों और विश्वास से सफल होता है और इसी भावना के साथ हमें आयुष्मान भव अभियान को आगे बढ़ाना है।
राज्यपाल ने कहा कि विभिन्न स्वास्थ्य मापदंडों पर हिमाचल प्रदेश के सूचकांक अन्य राज्यों की तुलना में काफी बेहतर है और आशा है कि इस अभियान से स्वास्थ्य क्षेत्र में राज्य के सूचकांकों में और सुधार होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री टी.बी. मुक्त भारत अभियान को देश में प्रभावी ढंग से क्रियान्वित किया जा रहा है और वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। हिमाचल प्रदेश में इस अभियान में आशातीत प्रगति हुई है और राज्य इस लक्ष्य को वर्ष 2023 में ही प्राप्त कर लेगा।
उन्होंने कहा कि आयुष्मान भव अभियान 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक सेवा पखवाड़ा के रूप में आयोजित किया जाएगा तथा दिसंबर माह तक जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि इस अभियान के दौरान विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं के बारे में व्यापक जागरूकता लाई जाएगी। इस योजना के तीन प्रमुख घटकों में आयुष्मान आपके द्वार, आयुष्मान मेला और आयुष्मान सभा शामिल हैं, इससे लोगों को व्यापक स्तर पर लाभ होगा।
उन्होंने कहा कि आयुष्मान भव अभियान स्वास्थ्य विभाग द्वारा हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य बीमा योजना, महिला एवं बाल विकास विभाग, पंचायती राज एव ग्रामीण विकास, जनजातीय विकास और चिकित्सा शिक्षा के सहयोग से चलाया जाएगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस अभियान को सभी का सहयोग मिलेगा और लोगों को इसका लाभ प्राप्त होगा।
इस अवसर पर राज्यपाल ने आयुष्मान भव दिशा-निर्देश भी जारी किये। उन्होंने लोगों को अंगदान करने की शपथ भी दिलवाई।
राज्यपाल ने टीबी मुक्त हिमाचल की परिकल्पना को साकार करने में अहम भूमिका निभाने वाले लोगों को भी सम्मानित किया, जिन्होंने प्रदेश में भारी संख्या में निक्षयः मित्र बनाने में योगदान दिया है।
इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने राज्यपाल का स्वागत किया और कहा कि राज्य में 15.95 लाख में से 11.37 लाख लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं और अभियान के दौरान शीघ्र ही शेष 4.58 लाख लाभार्थियों के कार्ड भी बनाए जायेंगे। उन्होंने कहा कि किन्नौर और लाहौल-स्पीति के 58 मॉडल स्वास्थ्य केंद्रों और जिला अस्पतालों में आयुष्मान मेले आयोजित किए जाएंगे। अभियान के दौरान लोगों के रक्तचाप और शुगर की जांच की जाएगी। इस अभियान में 19 लाख घरों का दौरा किया जाएगा और 64 लाख पात्र आबादी की तपेदिक की जांच की जाएगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों के सहयोग से आयुष्मान मेले आयोजित किये जायेंगे। दो अक्टूबर को सभी पंचायतों एवं शहरी वार्डों में आयुष्मान सभा का आयोजन किया जायेगा। जो पंचायतें एवं वार्ड शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने में सफल होंगे, उन्हें आयुष्मान ग्राम पंचायत अथवा आयुष्मान शहरी वार्ड के रूप में भी प्रमाणित किया जायेगा।
स्वास्थ्य सचिव एम. सुधा देवी ने राज्यपाल का स्वागत किया। उन्होंने अभियान के विभिन्न घटकों के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक सुदेश मोक्टा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न जिलों से वरिष्ठ अधिकारी एवं स्वास्थ्य कर्मी भी वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए।
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, राज्यपाल के सचिव राजेश शर्मा, निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. गोपाल बेरी, राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि और गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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