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राज्यपाल ने डीजीपी डिस्क पुरस्कार प्रदान किये…

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प्राकृतिक आपदा में राज्य पुलिस के योगदान की सराहना, नशे पर अंकुश लगाने पर बल दिया  

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज यहां ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में आयोजित डीजीपी डिस्क पुरस्कार समारोह में बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। तीन वर्ष बाद आयोजित इस कार्यक्रम में राज्यपाल ने वर्ष 2020, 2021 और 2022 के लिए 334 पुलिस कर्मियों को डीजीपी डिस्क अवार्ड प्रदान किए। 

इस अवसर पर राज्यपाल ने प्रदेश में हाल ही की प्राकृतिक आपदा के दौरान प्रदेश पुलिस द्वारा किए गए बचाव कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि जिस प्रकार प्रभावित क्षेत्रों से देश-विदेश के पर्यटकों सहित अन्य सभी लोगों को सुरक्षित निकालने का कार्य किया गया, उससे आम जनता में पुलिस के प्रति विश्वास और सम्मान बढ़ा है।

राज्यपाल ने पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि राज्य पुलिस और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल ने अकेले कुल्लू जिला से विदेशी पर्यटकों सहित 70,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला। 

उन्होंने नशे के बढ़ते अवैध कारोबार पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे निपटना एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अवैध नशीली दवाओं के कारोबार पर रोक के दृष्टिगत गंभीर प्रयास किए हैं। नशे के नियंत्रण और इसके दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए भी सरकार बेहतरीन कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि नशे के कारोबारियों पर पुलिस की निगरानी बेहद आवश्यक है और ऐसे असामाजिक तत्वों को कानून के दायरे में नियंत्रित कर हम युवा शक्ति को इस सामाजिक बुराई से बचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य पुलिस ने अपने निरंतर प्रयासों से मादक पदार्थ के तस्करों को गिरफ्तार किया है तथा अवैध रूप से अर्जित उनकी 13 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति की कुर्की के 23 मामले भी सक्षम प्राधिकारी को भेजे गए हैं। इसके अलावा, नारकोटिक्स अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार वित्तीय जांच के लिए 10 मामलों को प्रवर्तन निदेशालय को भेजा गया है।

राज्यपाल ने एकीकृत यातायात प्रबन्धन प्रणाली जैसी तकनीक के उपयोग पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि पुलिस के इस प्रयास से वर्ष 2023 में सड़क दुर्घटनाओं, चोटों और सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की संख्या में पिछले वर्ष की तुलना में भारी कमी आई है। उन्होंने कहा कि राज्य पुलिस के नाम कई उपलब्धियां हैं, जिनमें पासपोर्ट सत्यापन में भारत में पहला स्थान, वर्ष 2022 में इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के कार्यान्वयन में तीसरा स्थान और वर्ष 2020-2021 में क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम के कार्यान्वयन में 11वां स्थान प्राप्त करना शामिल है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश पुलिस भारत की 8वीं राज्य पुलिस है जिसे ‘प्रेसिडेंट कलर’ सम्मान का गौरव प्राप्त हुआ है और इसने पहाड़ी और उत्तर पूर्वी राज्यों में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। राज्य पुलिस साइबर अपराध की समस्या से निपटने में भी तकनीकी रूप से सक्षम है।

पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने राज्यपाल का स्वागत करते हुए कहा कि प्रदेश पुलिस में अनेक नवोन्मेषी प्रयास किए गए हैं, जिन्हें अन्य राज्यों की पुलिस भी अपना रही है। विभाग द्वारा नशीली दवाओं पर रोक, सड़क दुर्घटनाओं में कमी, संगठित अपराध की रोकथाम और पुलिस कर्मियों के कल्याण के लिए विशेष प्रयास किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इन उद्देश्यों को पूरा करने के लिए प्रत्येक पुलिसकर्मी पूरी लगन से काम कर रहा है।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, कानून एवं व्यवस्था, अभिषेक त्रिवेदी ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।

इस अवसर पर पुलिस बैंड ‘हार्मनी ऑफ पाइन्स’ ने भी प्रस्तुति दी।

नगर निगम शिमला के महापौर सुरेंद्र चौहान, उप महापौर उमा कौशल, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।

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