बिना इजाजत आईजीएमसी में पैकेट बंद खाना परोसा
शिमला! आईजीएमसी में आधी रात को एक संस्था द्वारा बंद पैकेट खाना मरीजों के तीमारदारों को बांट दिया! अस्पताल में अचानक शुरू हुई सुविधा की जानकारी मंगलवार को प्रबंधन को मिली तो उनके हाथ पांव फूल गए! अस्पताल में चरचा थी कि अगर किसी भी तीमारदार की तबीयत बंद पैकेट खाना खाने से बिगड़ जाती तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेता? इस बात को लेकर माहौल काफी गरमाया हुआ था! आईजीएमसी में इन दिनों लंगर चलाने वाली संस्था का कहना है कि जहां पर वे लंगर चलाते थे वहां का बिजली व पानी कनेक्शन काट दिया! इसको लेकर संस्था के संचालक ने रिज पर सत्याग्रह भी चलाया! इसमें राजनीतिक पार्टी के लोग तक शामिल हुए! हालांकि अस्पताल प्रबंधन अपनी स्थिति स्पष्ट कर चुका है कि किसी भी तरह के कनेक्शन न काटे गए और न ही बहाल किए गए, लेकिन अब संस्था ने मानवता और सेवा के नाम पर अस्पताल परिसर के अंदर आकर वार्डों में बंद पैकेट खाना देने की रिवाज नियमों के विपरीत शुरू कर दी है! ऐसे में सवाल उठने लग गए है कि ऐसे तो कोई भी संस्था आकर खाना बांट सकती है। वही अगर किसी की तबीयत बिगड़ती है तो उसका सारा जिम्मा प्रबंधन पर! हालांकि इस बारे में जब आईजीएमसी प्राचार्य डॉ. सीता ठाकुर से बात की तो उन्होंने बताया कि अस्पताल परिसर के अंदर संस्था खाना नहीं बांट सकती है! इसको लेकर किसी भी तरह की स्वीकृति नहीं दी गई है!