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मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावित सभी ज़िलों में बचाव एवं पुनर्वास कार्यों की समीक्षा की…..

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अधिक से अधिक जवानों को बचाव कार्यों में तैनात करने के निर्देश दिए

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पिछले दो दिन से हो रही भारी बारिश के कारण हिमाचल प्रदेश के इतिहास में एक दिन में सबसे अधिक 41 लोगों की बहुमूल्य जान गई है, जबकि 13 लोग अभी भी लापता हैं। भारी बारिश से उत्पन्न स्थिति का जायजा लेने के लिए शिमला में बुलाई गई एक आपात बैठक में उन्होंने कहा कि इस भीषण त्रासदी के दृष्टिगत इस बार स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रमों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया जाएगा। कार्यक्रम में सिर्फ ध्वजारोहण, परेड और मुख्य अतिथि का संबोधन ही होगा। उन्होंने निर्देश दिए कि परेड में स्थानीय पुलिस और एसडीआरएफ के जवान शामिल नहीं होंगे। वह बचाव कार्यों में ही शामिल होंगे।मुख्यमंत्री ने कहा कि भारी बारिश से लोगों को हो रही परेशानियों को दूर करना सरकार की पहली प्राथमिकता है और परेड को भी स्केल डाउन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक संख्या में जवान राहत और बचाव कार्यों में तैनात किए जाएंगे और लोगों को राहत पहुंचाने का कार्य युद्धस्तर पर जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि नालागढ़ से एनडीआरएफ की टुकड़ी शिमला पहुंच गई है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में लगभग 1200 सड़कें प्रभावित हुई हैं, जिन्हें बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंनेे कहा कि 600 सड़कों को आज शाम तक खोल दिया जाएगा और 300 सड़कों को कल तक बहाल कर दिया जाएगा। उन्होंने इस बारिश के कारण जिला सोलन, शिमला, मंडी और हमीरपुर सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। उन्होंने अधिकारियों को प्रभावितों की हरसंभव मदद प्रदान करने के निर्देश दिए। उन्होंने शिमला शहर में बंद सड़कों को जल्द से जल्द खोलने के निर्देश दिए और कहा कि गिरे हुए पेड़ों को तुरंत हटा कर सड़कों को बहाल किया जाए। खतरनाक हो चुके पेड़ों को चिन्हित कर सुबह तक उसकी रिपोर्ट उन्हें प्रदान करने के निर्देश दिये। उन्होंने प्रभावित पेयजल योजनाओं को जल्द से जल्द बहाल कर लोगों को पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश भर में बहुत से स्थानों पर बादल फटने की घटनाएं सामने आ रही हैं, जिसका सम्बन्धित विभाग को अध्ययन करना चाहिए, ताकि इनके कारणों के बारे में पता चल सके।
उन्होंने वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के उपायुक्तों से विद्युत, जलापूर्ति योजनाओं और सड़कों की स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए ताकि लोगों की परेशानियों को कम किया जा सके।  
बैठक में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, प्रधान सचिव देवेश कुमार, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव विवेक भाटिया, एडीजीपी सतवंत अटवाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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