कैंसर और जोड़ों की दर्द का इलाज हुआ सरल
शिमला। कैंसर और जोड़ो की दर्द से मरीजों को परेशान नहीं होना पडेगा। आईजीएमसी के डॉक्टरों ने मरीजों को इस दर्द से राहत दिलाने का नया तरीका खोजा है! इस तरह की सर्जरी में नस को ब्लॉक करके मरीजों तीन महीने से लेकर दो साल तक दर्द से राहत दिलाई जा सकती है। इंडियन सोसायटी ऑफ एनीस्थियोलॉजिस्ट की शिमला ब्रांच की ओर से अटल सभागार में करवाई गई कार्यशाला में एम्स और पीजीआई से आई फैक्लटी ने इस इलाज के तरीके को लाइव डेमों दिखाकर अवगत करवाया है। इसमें शवों पर सर्जरी करके डॉक्टरों को उपचार की बारीकी सिखाई गयी। कार्यशाला के समन्वयक डॉ. कार्तिक स्याल ने बताया कि इस तरह की सर्जरी एनेस्थीसिया विभाग के बिना संभव नहीं है! कार्यशाला में कई आधुनिक तकनीकों के बारे में भी अवगत करवाया गया। कार्यशाला में बताया गया कि एक प्रेगनेंट महिला के बच्चे का हार्ट और स्पाइन न बना हो तो आधुनिक तकनीक के जरिये सर्जरी विभाग की टीम एनेस्थीसिया डॉक्टरों की मदद से पेट में ही बच्चे की सर्जरी करने में सक्षम है। इस अवसर पर अमरु के वाइस चांसलर डॉ. सुरेंद्र कश्यप, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. रजनीश पठानिया, आईजीएमसी प्राचार्य डॉ. सीता ठाकुर, एनेस्थीसिया विभागाध्यक्ष डॉ. सुरेंद्र सिंह, डॉ. अजय सूद, डॉ. दारा सिंह नेगी, डॉ. ज्योति पठानिया, डॉ. राजेश कुमार वर्मा, डॉ. रमेश कुमार समेत एम्स व पीजीआई से आए करीब 360 डेलीेगेट यहां मौजूद रहे।