ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरूद्ध सिंह और लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह द्वारा 2 अगस्त, 2023 को शिमला से जारी प्रेस वक्तव्य…..
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह और लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर पर पलटवार करते हुए कहा है कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के हिमाचल दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर साथ रहे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने जिला कुल्लू के साथ-साथ प्रदेश के विभिन्न भागों में भारी बारिश तथा बाढ़ के कारण हुए नुकसान बारे में केन्द्रीय मंत्री को विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पहले भी कुल्लू जिला का दौरा कर चुके हैं और लगभग 60 घंटे ग्रांऊड जीरो पर रहकर प्रभावित लोगों की मदद कर चुके हैं तथा उन्हें सभी तथ्यों और जिला कुल्लू में हुए नुकसान की पूर्ण जानकारी है। जब प्रदेश में बारिश कहर बरपा रही थी, तब मुख्यमंत्री आपदा के बीच रह कर फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने में जुटे रहे। वहीं, नेता प्रतिपक्ष आपदा की परवाह न करते हुए केवल मात्र अखबारों की सुर्खियों में बने रहने के लिए बयानबाजी करते रहे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के आग्रह पर ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी हिमाचल प्रदेश में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के लिए आए थे, ताकि वह अपनी आंखों से राज्य में हुए नुकसान की सही जानकारी ले सकें।
दोनों मंत्रियों ने कहा कि जय राम ठाकुर इस संवेदनशील मुद्दे पर केवल और केवल राजनीति कर प्रदेश के लोगों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं, जिसे उचित नहीं ठहराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से सड़कों की मरम्मत के लिए 400 करोड़ रुपए की राशि सीआरआईएफ में ही दी जा रही है, जबकि अलग से कोई राशि जारी नहीं की गई है। इसलिए नेता प्रतिपक्ष प्रदेश की जनता के सामने झूठ बोलने से परहेज ही करें।
वरिष्ठ आईएएस अधिकारी राम सुभग सिंह को सेवा विस्तार देने के मामले पर मंत्रियों ने कहा कि उन्हें पीएमओ से पहले ही क्लीन चिट मिल चुकी है और अब उन पर कोई आरोप नहीं है। ऐसे में राम सुभग सिंह पर जय राम ठाकुर ओच्छी राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष को सलाह दी कि वह आपदा की इस घड़ी में राजनीति छोड़कर प्रदेश सरकार को अपना सकारात्मक सहयोग दें ताकि प्रभावित परिवारों की अधिक से अधिक सहायता की जा सके।