अब सुरक्षित होंगे हिमाचल में सरकारी स्कूल भवन, विभाग करवाएगा सेफ्टी आडिट……
हिमाचल के सरकारी स्कूलों का सेफ्टी ऑडिट होगा। यह आडिट दो तरह से होगा। पहला ऑडिट स्ट्रक्चरल और दूसरा नान स्ट्रक्चर्ल। स्ट्रक्चरल ऑडिट में यह देखा जाएगा कि स्कूल का जो भवन है वह कितना मजबूत है। प्राकृतिक आपदा जैसे भूकंप,आग, बाढ़ इत्यादि के लिए स्कूल भवन की नींव कितनी मजबूत है। स्कूल भवन की छत में लकड़ी का जो प्रयोग किया गया है वह पुरानी तो नहीं हो चुकी है। इसमें सुधार के लिए क्या कार्य किए जा सकते हैं। भवन की दीवार को मजबूती देने के लिए क्या करना चाहिए।वहीं, नॉन स्ट्रक्चर्ल में यह देखा जाएगा कि स्कूल भवन में फेंसिंग है या नहीं, जो जंगले लगे हैं वह पुराने व गिरने की स्थिति में तो नहीं है। स्कूल में कोई ऐसा स्थान तो नहीं है जो खतरे को न्योता दे रहा हो। इन सभी चीजों को देखा जाएगा। उच्चतर शिक्षा निदेशक डॉक्टर अमरजीत शर्मा की ओर से इस संबंध में सभी जिलों के उपनिदेशकों को सर्कुलर जारी किया गया है। जिला उपनिदेशकों ने स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि वह राज्य लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों से संपर्क साधकर यह ऑडिट करवाएं। शिक्षा निदेशक अमरजीत शर्मा ने बताया कि ऑडिट करवाने के बाद स्कूल सेफ्टी का सर्टिफिकेट भी उक्त अधिकारी से लें।
सर्वोच्च न्यायालय कर रहा है मॉनिटरिंग
स्कूल भवनों के सेफ्टी आडिट को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने निर्देश दिए हैं। सर्वोच्च न्यायालय खुद इस प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग कर रहा है। शिक्षा विभाग ने इससे पहले स्कूल सेफ्टी प्रोजेक्ट के तहत हर स्कूल का सेफ्टी प्लान बनाने के निर्देश दिए थे। सभी स्कूलों ने यह प्लान बना भी लिए हैं। इस प्लान में बताया गया है कि यदि कोई प्राकृतिक आपदा आती है तो स्कूलों के पास इससे निपटने के क्या साधन है। स्कूल या आसपास ऐसा कौन सा स्थान है, जहां पर आपदा के समय बच्चों को शिफ्ट किया जा सकता है।
प्रदेश के पांच जिले चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी भूकंप के लिहाज से अति संवेदनशील हैं।