Advertisement Section
Header AD Image

बीबीएमबी व चण्डीगढ़ में हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए गठित मंत्रिमण्डलीय उप-समिति की बैठक…..

Spread the love

पंजाब पुनर्गठन अधिनियम-1966 के तहत भाखड़ा ब्यास प्रबन्धन बोर्ड (बीबीएमबी) द्वारा संचालित सभी परियोजनाओं व केन्द्र शासित राज्य चण्डीगढ़ में प्रदेश की हिस्सेदारी के दावों को सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित मंत्रिमण्डलीय उप-समिति की प्रथम बैठक आज यहां आयोजित हुई।
बैठक की अध्यक्षता कृषि मंत्री प्रो. चंद्र कुमार ने की। इस अवसर पर उप-समिति के सदस्य राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान भी उपस्थित थे।इस अवसर पर मंत्रिमण्डलीय उप-समिति ने ऊर्जा विभाग को शानन जल विद्युत परियोजना को हिमाचल प्रदेश सरकार के स्वामित्व के अधीन लाने के लिए सार्थक प्रयास करने के निर्देश दिए। इस मामले को पंजाब पुनर्गठन अधिनियम-1966 के अनुसार भारत सरकार के समक्ष निरंतर दृढ़ता से उठाने पर भी चर्चा की गई। सभी संबंधित विभागों को इस संबंध में तीव्रता व दक्षता के साथ कार्य करने के निर्देश भी दिए गए।समिति ने निर्देश दिया कि केन्द्र शासित राज्य चण्डीगढ़ में प्रदेश की हिस्सेदारी के दावों तथा बीबीएमबी परियोजनाओं में पानी की हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए एक कार्य योजना तैयार की जाए तथा इन मामलों को विभिन्न स्तरों पर समयबद्ध उठाया जाए।
बैठक में संबंधित विभागों के अधिकारियों ने राज्य की हिस्सेदारी बढ़ाने तथा ऊर्जा बकाया के भुगतान के लिए किए गए दावों की विस्तृत रिपोर्ट भी कमेटी के सामने प्रस्तुत की। उन्होंने शानन जल विद्युत परियोजना को लीज अवधि 2 मार्च, 2024 को समाप्त होने के उपरांत हिमाचल के अधीन लाने के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों की जानकारी भी दी। उन्होंने इस संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय में लंबित याचिका की अद्यतन स्थिति के बारे में भी समिति को अवगत करवाया। इस मामले में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के 27 सितम्बर, 2011 के निर्णय के अनुसार हिमाचल प्रदेश को 7.19 प्रतिशत हिस्सेदारी जबकि पंजाब को  51.80 प्रतिशत, हरियाणा को 37.51 प्रतिशत व केंद्र शासित राज्य चण्डीगढ़ को 3.50 प्रतिशत हिस्सेदारी का निर्धारण किया गया है। इस निर्णय के अनुसार भाखड़ा परियोजना में  01 नवम्बर, 1966 से, डैहर परियोजना में नवम्बर, 1977 से तथा पौंग बांध परियोजना में जनवरी, 1978 से हिस्सेदारी मिलना तय की गयी है।
बीबीएमबी द्वारा प्रदेश की 7.19 प्रतिशत विद्युत की हिस्सेदारी का भुगतान     01 नवम्बर, 2011 के उपरान्त किया जा रहा है जबकि बीबीएमबी परियोजनाओं की पिछली अवधि की बकाया देय विद्युत जो कि 13066 मिलियन यूनिट बनती है, की अदायगी पंजाब व हरियाणा द्वारा अभी तक नहीं की गई है। इसका निर्धारण सर्वोच्च न्यायालय द्वारा किया जाना बाकी है।बैठक में समिति के सदस्य सचिव एवं सचिव विद्युत राजीव शर्मा, सचिव जल शक्ति अमिताभ अवस्थी, प्रबंध निदेशक राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटिड व निदेशक ऊर्जा हरिकेश मीणा, सचिव विधि शरद लगवाल और संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post फील्ड दौरों के दौरान ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ 15 सितम्बर तक स्थगित: मुख्यमंत्री….
Next post आपदा प्रभावितों की मुआवजा राशि में बढ़ोतरी की अधिसूचना जारी: मुख्यमंत्री…..
Close