सरकार की ट्रक ऑपरेटरों के साथ बैठक मैं नहीं बनी सहमति
शिमला। ट्रक ऑपरेटरों के साथ बैठक खत्म हो चुकी है। सरकार की मध्यस्थता के बीच बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकल पाया है। इससे ट्रक ऑपरेटर बेहद गुस्से में हैं। बैठक के बाद उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान का कहना है कि किसी निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए प्रयास जारी रहेंगे। उनका कहना है कि अदाणी ग्रुप का रवैया नकारात्मक है। हमारी तरफ से मध्यस्थ की भूमिका निभाई जा रही है, दोनों पक्ष किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। सीमेंट कंपनी विवाद को लेकर मंगलवार को सरकार ने ट्रक ऑपरेटर और अडानी ग्रुप के आला अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में कंपनी प्रबंधन सिंगल एक्सेल ट्रक का भाड़ा 10 रुपए और डबल एक्सेल का साढ़े आठ रुपए प्रति टन प्रति किलोमीटर भाड़ा देने का प्रस्ताव रखा, जिसे ट्रक आपरेटरों ने सिरे से खारिज कर दिया। ट्रक ऑपरेटरों ने साफ कह दिया है कि वह 10.70 से कम भाड़ा नहीं लेंगे। दाड़लाघाट व बरमाणा के ट्रक ऑपरेटरों ने साफ कहा कि वह अडानी के बनाए कायदे-कानून पर नहीं चलेंगे। ट्रक ऑपरेटरों ने कहा कि वह छह माह और इंतजार करने के लिए तैयार विवाद सुलझाने को अब तक 15 से अधिक हो चुकी हैं बैठकें बता दें कि पिछले दो माह से माल भाड़े को लेकर अडानी ग्रुप और ट्रक ऑपरेटर के बीच विवाद चल रहा है। इसको सुलझाने के लिए अब तक 15 से अधिक बैठकें हो चुकी हैं। बीते रोज भी सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कंपनी प्रबंधन और ट्रक ऑपरेटर की बैठक बुलाई थी। लेकिन बाद में इस बैठक को आज यानी मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया और सीएम सुक्खू ने अडानी ग्रुप के सीईओ को शिमला बुलाने के निर्देश दिए थे। मंगलवार को उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में शिमला में बैठक शुरू हुई। इस बैठक में अडानी ग्रुप के सीईओ तो नहीं पहुंचे, लेकिन लेकिन उन्होंने कंपनी की ओर से निर्धारित ट्रक भाड़े की दरों के संबंध बैठक में मौजूद लोगों को अवगत करवाया है। अडानी ग्रुप द्वारा रखे गए प्रस्ताव को ट्रक ऑपरेटर ने नामंजूर कर दिया है। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि सरकार की मध्यस्थता में ट्रक ऑपरेटरों की बैठक हुई है। बैठक में कंपनी ने सिंगल एक्सेल ट्रक का भाड़ा 10 रुपए व डबल एक्सेल का साढ़े आठ रुपए का प्रस्ताव रखा है। लेकिन ट्रक ऑपरेटर्स को यह भाड़ा मंजूर नहीं है। हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि सरकार जल्द इस मसले को सुलझाने के लिए प्रयासरत है और ट्रक ऑपरेटरों के हितों का पूरा ख्याल रखा जाएगा।