सीमेंट प्लांट विवाद सरकारी सीमेंट का रेट तय होने के बाद लागू हो शुक्ला कमेटी का फार्मूला
प्लांट विवाद के बीच अब हिमाचल में सरकारी सीमेंट के रेट तय करने की मांग उठाई गई है। यह मांग सभी सहकारी सभाओं के सदस्यों ने प्रदेश सरकार से की है। उसके बाद ही अडानी समूह से शुक्ला कमेटी के आधारित फार्मूले पर रेट तय करने की बात कही। यह मांग रविवार को सभा के प्रधान राकेश ठाकुर ने अनिश्चितकालीन पक्का मोर्चा के चल रहे दूसरे दिन के आंदोलन के दौरान कही। उन्होंने कहा कि इस फार्मूले के अनुसार सीमेंट ढुलान का रेट 12.4 रुपए बनता है। सरकारी सीमेंट का जो रेट 9.06 है, बहुत ही कम है जिसके कारण प्रदेश के उद्योगपति और अडानी सीमेंट इसी रेट पर ही सीमेंट का किराया देने का दबाव बना रहे हैं। वहीं सभी सहकारी सभाओं के सदस्यों ने सरकार से पहले सरकारी सीमेंट का रेट तय करने की मांग उठाई है। कहा उसके बाद ही अडानी सीमेंट से शुक्ला कमेटी के आधारित फार्मूले पर रेट तय हो। इस फार्मूले के अनुसार सीमेंट ढुलान का रेट 12.4 रुपए बनता है। ट्रक ऑपरेटर द्वारा सरकार द्वारा गठित हिमकॉन को फाइल सौंप दी है। सभी ट्रक ऑपरेटर्स हिमाचल प्रदेश सरकार से शीघ्र ही सीमेंट कारखाने खुलवाने पर जोर दिया। बता दें कि ट्रक ऑपरेटर्स के 60 वें दिन के आंदोलन में रविवार को वार्ड नंबर दो तनबौल-स्वारघाट के सदस्यों के अलावा महिलाओं ने भी शिरकत की। अनिश्चितकालीन पक्का मोर्चा धरना प्रदर्शन के साथ साथ रविवार को सभा के कार्यालय अल्ट्राटेक सीमेंट के ट्रक ऑपरेटर्स और बीडीटीएस के पदाधिकारियों ने बैठक में भाग लिया। रविवार को हुई बैठक में आगामी रणनीति पर कड़े निर्णय लेने के फैसले पर चर्चा की गई। सीमेंट फैक्ट्री विवाद में कूदी अल्ट्राटेक, बढ़ाया मालभाड़ा अडानी ग्रुप दो सीमेंट फैक्ट्रियों में माल भाड़े को लेकर चल रहे विवाद में अब अल्ट्राटेक कंपनी भी कूद गई है। सोलन जिले के बाघा में प्लांट चला रही अल्ट्राटेक कंपनी ने ट्रक ऑपरेटरों की मांग का समर्थन किया है। अल्ट्राटेक कंपनी ने प्रॉडक्शन बंद होने का फायदा उठाने के मकसद से अपने बाघा प्लांट में ट्रकों के लिए माल-भाड़ा बढ़ा दिया है। कंपनी ने माल भाड़े को 10.58 रुपये से बढ़ाकर 10.73 रुपए कर दिया है। अल्ट्राटेक कंपनी के इस फैसले से अडानी ग्रुप की दोनों कंपनियों के खिलाफ आंदोलन कर रहे ट्रक ऑपरेटरों को नया हौंसला मिला है और उन्होंने अडानी ग्रुप की अंबुजा व एसीसी कंपनी प्रबंधन के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है।