हिमाचल कांग्रेस में सब ठीक-ठाक चिंता की कोई बात नहीं …..मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के भीतर कोई अंतर्कलह नहीं है और संघर्ष केवल मुख्यमंत्री पद के लिए था क्योंकि तीन से चार दावेदार थे। अगर कुछ गलत होता तो प्रदेश में राजस्थान जैसी स्थिति होती। उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य में कांग्रेस का कोई भी विधायक भाजपा में नहीं जाएगा और पार्टी की सरकार लोगों के लिए काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। कांग्रेस पहली कैबिनेट बैठक में सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने के वादे को पूरा करेगी। समाचार एजेंसी पीटीआई के साथ एक विशेष साक्षात्कार में सुक्खू ने कहा कि हमने वित्त सचिव से बात की है। एक रणनीति के तहत हम जानते हैं कि हमें कहां से पैसा लाना है और कहां निवेश करना है। पुरानी पेंशन योजना शुरू करने पर काम किया है और इसे पहली कैबिनेट बैठक में पेश करेंगे। जल्द होगा मंत्रिमंडल का विस्तार मंत्रिमंडल के विस्तार के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह जल्द ही होगा। उन्होंने कुछ विधायकों की ओर से मंत्री पद के लिए पैरवी करने की खबरों का खंडन किया। मुख्यमंत्री ने कांग्रेस की प्रदेश इकाई में अंदरूनी कलह की खबरों को खारिज किया, लेकिन स्वीकार किया कि मुख्यमंत्री पद के लिए होड़ मची हुई थी। सुक्खू ने कहा- तकरार पद के लिए थी, यह पार्टी की कलह नहीं है। तीन-चार लोग मुख्यमंत्री पद पर काबिज होने को तैयार थे। आप देख सकते हैं कि अब तक हमने कैबिनेट विस्तार नहीं किया है, अगर कुछ गलत होता तो राजस्थान जैसी स्थिति हो जाती। राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को 2020 में उनके तत्कालीन डिप्टी और राज्य पार्टी अध्यक्ष सचिन पायलट और कुछ अन्य विधायकों की ओर से बगावत का सामना करना पड़ा था। सुक्खू ने विपक्षी भाजपा पर इन खबरों को लेकर निशाना साधा कि कांग्रेस के कुछ विधायक उससे हाथ मिला सकते हैं। उन्होंने कहा, कि कांग्रेस का कोई सदस्य पार्टी नहीं छोड़ेगा। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों ने भाजपा के कुशासन के खिलाफ मतदान किया।