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हिमाचल कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद बना सिरदर्द,बागी हर्ष महाजन का ढूंढ रहे सहारा……..

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शिमला (विमल शर्मा):—-हिमाचल प्रदेश में विधानसभा के नतीजों को लेकर कांग्रेस सरकार बनाने के लिए आश्वस्त नजर आ रही है कांग्रेसी नेताओं ने मुख्यमंत्री और मंत्री पद को लेकर लिस्ट भी तैयार कर ली है अब सवाल ये उठता है अगर कांग्रेस बहुमत प्राप्त करती है तो मुख्यमंत्री कौन होगा जबकि विधानसभा चुनावों में ज्यादातर वरिष्ठ नेताओं ने अपने विधानसभा क्षेत्रों में अपने आप को मुख्यमंत्री के पद का दावेदार बताकर लोगों को रिझाने का काम किया राजनीतिक सूत्रों से पता लगा है कि कांग्रेसमें एक धड़ा दूसरे धड़े को पीछे धकेलने के लिए कांग्रेश से बाहर गए रणनीतिक हर्ष महाजन को अहमियत दे रहे हैं और उन से बराबर संपर्क में है अब यह समझ नहीं आ रहा कि यह वरिष्ठ नेता किस रणनीति के तहत हर्ष महाजन से संपर्क में है राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस में ज्यादातर नेता हर्ष महाजन की रणनीति और उनके सहयोग से राजनीति में अपना मुकाम बना पाए हैं इसलिए वह चाहते हैं कि महाजन उनके लिए विधायकों को जुटाने का काम करें ताकि मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचा जा सके जबकि दूसरी तरफ हर्ष महाजन भाजपा के लिए इस जुगत में है कि अगर भाजपा की सीटें कम रहती है और उन्हें और विधायकों की जरूरत पड़ती है तो है किस रणनीति के तहत विधायकों को विशेषकर कांग्रेश के विधायकों को तोड़कर भाजपा में शामिल करवाते हैं यह इसलिए भी समझा जा रहा है कि महाराष्ट्र में जो हालात शिवसेना के सामने आए और पार्टी बिछड़ कर रह गई भाजपा ने हाथों-हाथ विधायकों को अपने साथ जोड़ा और भाजपा की सरकार बना कर दिखा दी

हिमाचल प्रदेश में भी पहली बार यह इतिहास रचने की कोशिश की जा सकती है कि कांग्रेस से एक बड़ी तादाद में विधायकों का रुझान भाजपा की हिमाचल प्रदेश में भी पहली बार यह इतिहास रचने की कोशिश की जा सकती है कि कांग्रेस से एक बड़ी तादाद में विधायकों का रुझान भाजपा की तरफ किया जाए चाहे मुख्यमंत्री पद के लिए कांग्रेसका ही उम्मीदवार क्यों ना हो लेकिन सरकार भाजपा के नाम रहे उधर भाजपा के लिए हिमाचल प्रदेश में सरकार बनाना एक प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है क्योंकि भाजपा का तो नारा यही था कि कांग्रेस मुक्त भारत बने इस मुहिम के तहत भाजपा कोई भी हथकंडा अपनाने से गुरेज नहीं करेगी  राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि अगर हिमाचल प्रदेश में भाजपा 35 सीट भी लेती है तो वह सरकार बना लेगी क्योंकि कांग्रेसमें गुट बंदी का यह आलम है कि मुख्यमंत्री के पद के लिए आर पार की लड़ाई चली है इसका ताजा उदाहरण यह है कि कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने दिल्ली में कांग्रेस नेताओं से मिलने का समय नहीं दिया क्योंकि वह लगातार कांग्रेस आलाकमान पर मुख्यमंत्री पद को लेकर दावेदारी का दबाव डाल रहे हैं

हिमाचल प्रदेश में यह तो जगजाहिर हैं कि कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर इतनी कशमकश है कि नेता कोई भी कदम उठा सकते हैं इस बात का भाजपा को पूरा एहसास है और इस मौके का फायदा भाजपा बखूबी निभाएगी उधर यह भी चर्चा है कि कांग्रेसमें मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर लोगों ने वोट दिया है जबकि जयराम ठाकुर के मंत्रियों को लेकर लोगों में कोई अच्छी प्रतिक्रिया नहीं है कहा तो यहां तक जा रहा है कि जयराम सरकार के मंत्रियों का जनाधार घटा है और लोगों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के ईमानदार व्यक्तित्व को लेकर अपना वोट दिया है बहरहाल जो भी है चुनावों के नतीजे आने में अभी 1 सप्ताह है और इसमें क्या निकल कर आता है यह तो भविष्य के गर्भ में छिपा है लेकिन कयास यह है कि भाजपा और कांग्रेस में कड़ी टक्कर है कोई भी दल सरकार बन लेकिन कयास यह है कि भाजपा और कांग्रेस में कड़ी टक्कर है कोई भी दल सरकार बना सकता है 

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