श्री कामनापूर्णीगौशाला टुटू के प्रांगण में गीता जयंती के उपलक्ष्य में गउ-गीता ज्ञान यज्ञ का आयोजन
भारतीय गौवंश रंक्षण संवर्धन न्यास परिषद शिमला (हिमाचल प्रदेश)
02 दिसम्बर से 04 दिसम्बर, 2022 तक शिमला के टुटू – जुब्बडहट्टी मार्ग पर स्थित श्री कामनापूर्णीगौशाला टुट,ू के प्रांगण में गीता जयंती के उपलक्ष्य में गउ-गीता ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजना श्री कामनापूर्णी गौशाला समिति टूटू द्वारा एवं भारतीय गौवंश रक्षण संवर्धन परिषद हिमाचल प्रदेश के संयुक्त तत्वाधान किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के दौरान 02 से 04 दिसंबर, 2022 प्रतिदिन प्रातः 9ः00 से 11ः00 बजे तक गीता का सार्वजनिक व सामूहिक पाठ और साथ ही साथ उपला हवन का आयोजन किया जाएगा। गौरतलब है कि व्यक्तिगत ग्रहों के निवारण के लिए उपला हवन का आयोजन विशेष रूप से किया जा रहा हैं। समाापन आयोजन की अघ्यक्षता प्रदेश सरकार के मुखय सचिव श्री आर0डी0 धिमान करेंगे और अपने विचारों से उपस्थित जनसभा को सम्बोधित करेंगे। आयोजन के अन्तिम दिन यानी 04 दिसंबर, 2022 को गीता जयंती मोक्षदा एकादशी रविवार के दिन गाय और गीता के महत्व पर संवाद होगा। शिमला स्थित श्री रामकृष्ण मिशन के प्रचारक स्वामी तन्महिमानन्द द्वारा गीता की प्रासागितापर आध्यात्मिक परिचर्चा होगी। स्कूली विद्यार्थियों द्वारा गीता के चयनित श्लोक का पाठ व अर्थ का आयोजन भी होगा। सामान्य ज्ञान बारे विद्यार्थियों और जनसामान्य के बीच प्रश्नोत्तरी का रोचक कार्यक्रम के आयोजन भी विशेष रूप से होगा। पूरे देश में गोवंश की महिमा और उपयोगिता का व्यवहारिक ज्ञान प्रदान करने की सेवा में लगे हुए स्वयंसेवी महानुभाव आचार्य स्वामी महिकिरण तकनीकी विशेषज्ञ द्वारा धरती माता पर्यावरण की सुरक्षा और गौ माता के संरक्षण सेवा सुश्रवा का व्यावहारिक प्रदर्शन प्रस्तुत किया जाएगा। भारतीय गोवंश की सेवा सुरक्षा व संस्कार का जनसाधारण का सामूहिक संकल्प आरोग्य हेतु गौवंश आधारित कृषि गौ कृपा अमृतम रसायन का प्रयोग और परिणाम बताएं जाएंगे। गव्य-सिद्ध द्वारा पंचगव्य औषधीय गुणों पर आधारित उपचार करना व स्व रोजगार का सृजन गोवंश और पंचगव्य से ग्रह नक्षत्रों के दोषों से पैदा होने वाले दोषों का समष्टि और व्यक्तिगत तनावों का शमनोपचार, दैहिक दैविक भौतिक तापों के प्रभाव का निराकरण हेतु वेद व शास्त्र सम्मत पारंपरिक सूत्रों का अनुभव जन्य प्रयोगों का तृत्व व उल्लेख भी होगा। कार्यक्रम के पश्चात यज्ञ अनुष्ठान के रूप में प्रसाद वितरण की व्यवस्था रहेगी।