मुख्यमंत्री ने कारगिल युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की
शिमला। कारगिल विजय दिवस हमारे सशस्त्र बलों की अटूट देश भक्ति, असाधारण वीरता और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है और इस ऐतिहासिक दिन पर हर भारतीय कृतज्ञता की भावना से हमारे वीर जवानों के बलिदान का स्मरण करता है। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज हमीरपुर में आयोजित राज्य स्तरीय कारगिल विजय दिवस समारोह की अध्यक्षता करते हुए कही। इस अवसर पर उन्होंने कारगिल युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की।
जय राम ठाकुर ने कहा कि कारगिल युद्ध हमारे सशस्त्र बलों की वीरता, अदम्य साहस और बलिदान का प्रतीक है और उन्होंने हमारी मातृभूमि की रक्षा के लिए अत्यन्त कठिन परिस्थितियों में बहादुरी से लड़ाई लड़ी। उनकी वीरता और अदम्य साहस भारत के इतिहास में सदैव स्वर्णिम अक्षरों में अंकित रहेगा।
जय राम ठाकुर ने कहा कि कारगिल विजय दिवस 23 वर्ष पहले कारगिल की चोटियों पर लिखी गई विजय गाथा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1999 में पाकिस्तानी घुसपैठियों और पाकिस्तानी सेना द्वारा भारतीय चोटियों में घुसपैठ करने के बाद भारतीय सैनिकों ने उन्हें खदेड़ने के लिए 8 मई से ऑपरेशन विजय की शुरूआत की थी। उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उस समय पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा था कि सम्पूर्ण विश्व भारत को सम्मान और शान्ति के लिए जानता है और अब विश्व, भारत की सैन्य शक्ति और वीरता का साक्षी बनेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑपरेशन विजय के दौरान मिली सफलता देश के वीर जवानों की जीत है। उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध के दौरान 527 शहीद भारतीय सैनिकों में से 52 शहीद हिमाचल प्रदेश से संबंधित थे और चार परमवीर चक्र विजेताओं में से दो परमवीर चक्र हिमाचल प्रदेश के वीरों को प्राप्त हुए थे। प्रदेश के पालमपुर के जांबाज कैप्टन विक्रम बतरा ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने कहा कि राज्य के जिला बिलासपुर के हवलदार संजय कुमार को कारगिल युद्ध के दौरान उनकी वीरता के लिए परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को वीर भूमि के नाम से जाना जाता है और यहां सदैव साहस और बलिदान की परम्परा का निर्वहन होता है।