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हिमाचल कांग्रेस एजेंडा पॉलिटिक्स से भटकी आलाकमान अपने हाथ में ले सकती है कमान

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  • मुख्यमंत्री की रेस में कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता

विमल शर्मा, शिमला।

हिमाचल प्रदेश कांग्रेस पार्टी अपने ही एजेंडा पॉलिटिक्स से भटक गई है। कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के साथ साथ अन्य कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी अपने अपने व्यक्तिगत एजेंडा पर फोकस कर रहे हैं। जिस वजह से जनता में संदेश सही नहीं जा रहा यह बात हम इसलिए कह रहे हैं कि पूर्व में कांग्रेसी नेताओं ने भाजपा सरकार के खिलाफ तथ्यों सहित चार्जशीट तैयार की थी, जिसको लेकर भाजपा सरकार के मंत्रियों पर गंभीर आरोप की बात कही जा रही थी। यह भी कहा जा रहा था कि इस चार्ज शीट के सार्वजनिक होने के बाद कई भाजपा नेताओं की कुर्सियां हिल सकती हैं, लेकिन अभी तक कोई भी कांग्रेस का नेता इस चार्जशीट को लेकर बात करने को तैयार नहीं इतना ही नहीं यह चार्जशीट कहां दफन है इसके बारे में भी कुछ कहा नहीं जा सकता।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भले ही कांग्रेस पार्टी इस चार्जशीट को लेकर आगामी विधानसभा चुनावों से पहले जनता की अदालत में रखने की बात कह रही है, लेकिन वास्तविक स्थिति यह बताई जा रही है कि इस दस्तावेज में अब बदलाव किया जा रहा है। यह बदलाव कांग्रेस के आला नेताओं के हिसाब से किया जा रहा है जिस बड़े नेता को इस दस्तावेज में भाजपा के किसी अन्य नेता से कोई पॉलीटिकल माइलेज मिलती है तो उसे भी शामिल किया जा सकता है।

यह दस्तावेज भाजपा सरकार के खिलाफ कम और कांग्रेस नेताओं के व्यक्तिगत राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस संगठन नेताओं के आपसी राजनीतिक साख को बचाने के लिए हो रहे टकराव के चलते कमजोर हुआ है जिसका फायदा भाजपा को मिल सकता है।

दस्तावेज भाजपा सरकार के खिलाफ कम और कांग्रेस नेताओं के व्यक्तिगत राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों का यह भी मानना है हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस संगठन नेताओं के आपसी राजनीतिक साख को बचाने के लिए हो रहे टकराव के चलते कमजोर हुआ है जिसका फायदा भाजपा को मिल सकता है। हिमाचल कांग्रेसमें चल रही इस तरह की व्यवस्था को लेकर कांग्रेस आलाकमान ने कड़ा संज्ञान लिया है और यह है कि भविष्य में हिमाचल कांग्रेस पार्टी की राह और सभी फैसले 10 जनपद से ही जारी होंगे।

यह भी सूचना है कि कांग्रेस आलाकमान ने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों के चयन को लेकर सर्वे टीम भेजने की तैयारी में है जो अपने स्तर पर सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में जाएगी और वहां पर कांग्रेस के नेताओं के जमीनी स्तर पर साख को जांच आ जाएगा और उसी उम्मीदवार की दावेदारी को सशक्त माना जाएगा इस बारे प्रचार समिति के अध्यक्ष विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू  ने तो प्रतिपक्ष नेता मुकेश अग्निहोत्री के गढ़ में ही सार्वजनिक तौर पर कहा था कि किसी भी उम्मीदवार का अभी टिकट पक्का नहीं है। उम्मीदवारों का चयन उसके जमीनी स्तर पर प्रभाव को ही देखकर आलाकमान टिकट तय करेगा यह बात भी सही है क्योंकि कई नेता अपना टिकट फाइनल समझकर चुनाव प्रचार में जुट भी गए हैं। हिमाचल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने तो अपने विधानसभा क्षेत्र में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर सभाएं करनी भी शुरू कर दी है जो कि अपने आप में एक सवाल है।

बहरहाल जो भी है हिमाचल कांग्रेस वर्तमान समय में अपनी डफली अपना राग अलापने में लगी हुई है और यह समझ बैठी है कि हमारी सरकार बनेगी और मुख्यमंत्री की रेस में आला नेताओं की आपसी गहमागहमी तेज हो गई है। इस समय कांग्रेस पार्टी में 8 ऐसे नेता है, जो अपने आप को मुख्यमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट कर रहे हैं।

ऐसी स्थिति के चलते कांग्रेसी इस समय जनता के बीच हंसी के पात्र भी बन रहे हैं और ज्यादातर लोग यही बांध के चल रहे हैं कि अगर कांग्रेस का रवैया ऐसा ही चलता रहा तो वही स्थिति होगी जो आज पूरे देश में कांग्रेस की है बॉक्स हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता नरेश चौहान का कहना है कि संगठन के सभी नेता आपस में मिल बैठकर रणनीति तैयार कर रहे हैं और जहां तक भाजपा सरकार के खिलाफ चार्ज शीट की बात है तो उस पर भी काम चल रहा है। कांग्रेस पार्टी जल्द ही इस दस्तावेज को तथ्यों सहित पूरा करेगी और जनता की अदालत में ले जाएगी।

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