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सैनिकों को बचाते हुए कर्नल गुप्ता ने पिया था शहादत का जाम श्रद्धांजलि समारोह 

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सैनिकों को बचाते हुए कर्नल गुप्ता ने पिया था शहादत का जाम श्रद्धांजलि समारोह
जब भी किसी दुश्मन की नापाक दृष्टि भारत माता के पाक दामन पर पड़ी तो देश के रणबांकुरों ने दुश्मनों के दांत खट्टे करके भारत माता की आन, बान, शान को बरकरार रखा है। इन्हीं शूरवीरों में से एक थे सीमावर्ती गांव बमियाल निवासी शहीद कर्नल के.एल गुप्ता जो 23 सितंबर 1995 को जम्मू कश्मीर के अखनूर सेक्टर में पल्लांवाल क्षेत्र में पाक प्रशिक्षित आतंकवादियों द्वारा बिछाई गई बारुदी सुरंग फटने से शहादत का जाम पी गए थे। इनके जीवन संबंधी जानकारी देते हुए शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की ने बताया कि इस वीर योद्धा का जन्म 9 मई 1949 को पिता शिवराज गुप्ता और माता कौशल्या देवी के घर हुआ। गुरु गोबिंद सिंह कालेज चंडीगढ़ में बी.एस.सी. करने के बाद लॉ कालेज चंडीगढ़ से वकालत पास की। 1972 में वह सेना में बतौर लेफ्टिनेंट बनकर असम रैजीमेंट में भर्ती हो देश सेवा में जुट गए। 23 सितंबर 1995 को जब इनकी युनिट जम्मू कश्मीर के अखनूर सेक्टर में तैनात थी तो वह अपनी यूनिट के साथियों के साथ आतंकियों की तलाश में जुटे हुए थे। अपने साथियों को सतर्क रहने की सलाह देते हुए अपने पीछे आने को कहा। जब वह खुद आगे निकल आए तो उनके पांव आतंकियों द्वारा बिछाई गई बारुदी सुरंग में पड़ गया, जिससे जबरदस्त विस्फोट होने से भारत मां का यह लाल शहादत का जाम पी गया। इस जांबाज सैन्य अधिकारी ने स्वयं शहादत का जाम पीकर अपने साथी सैनिकों की जान को बचा लिया।
कुंवर विक्की ने बताया कि इस शूरवीर की शहादत को नमन करने के लिए 23 सितंबर को इनकी याद में बने सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल बमियाल में श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया जा रहा है। जिसमें कई गणमान्य लोग व सैन्य अधिकारी शामिल होकर इस जांबाज सैनिक को अपने श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे।

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