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पराशर द्वारा स्कॉलरशिप मिलने के बाद अब भविष्य संवारेंगे जसवां-परागपुर के 32 छात्र

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पराशर द्वारा स्कॉलरशिप मिलने के बाद अब भविष्य संवारेंगे जसवां-परागपुर के 32 छात्र
-कैप्टन संजय ने स्कॉलरशिप कार्यक्रम के तहत किया होनहार विद्यार्थियों का चयन
डाडासीबा-
जब किसी शख्स में सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन और समाज को बेहतर बनाने का जुनून होता है, तो ऐसे व्यक्तित्व अपने बुलंद हौसलों से इतिहास लिखते हैं। दृढ़ संकल्प के साथ गरीबी उन्मूलन के लक्ष्य को लेकर निरंतर आगे बढ़ रहे कैप्टन संजय ने क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए बड़ी व अभूतपूर्व पहल की है। पिछले माह संजय ने व्यवसायिक व शैक्षणिक कोर्स के लिए जो 40 विद्यार्थियों के लिए स्कॉलरशिप देने की घोषणा की थी, उसे ऐलान को अक्षरक्ष: निभाते हुए 32 विद्यार्थियों का चयन कर लिया गया है और छात्र अब अपने पंसद के विषय और शिक्षण संस्थान में उच्च शिक्षा ग्रहण करने जा रहे हैं। शेष बचे विद्यार्थियों का चयन भी दो दिन के भीतर किया जा रहा है। सभी चयनित विद्यार्थियों ने संजय द्वारा स्कॉलरशिप देने के लिए उनका आभार जताया है।
दरअसल शिक्षा को पराशर ने अपने विजन विजन में प्रमुखता दी हुई है। कोरोनाकाल से ही संजय विद्यार्थियों और युवाओं के लिए अपने संसाधनों का उपयोग करके शैक्षणिक व्यवस्था को मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं। जनसंवाद कार्यक्रमों के तहत पराशर को कई गरीब अभिभावकों ने अपने होनहार बच्चों को चाहकर भी प्राेफेशनल कोर्स चाहकर भी नहीं करवा पाते हैं। इसके बाद संजय ने ऐसे मेधावी विद्यार्थियों के लिए स्कॉलरशिप करने का फैसला लिया। पिछले महीने बकायदा उत्तर भारत के नामी शैक्षणिक संस्थानों को जसवां-परागपुर में बुलाया गया और क्षेत्र के चार स्थानों पर करियर गाइडेंस शिविरों का आयोजन भी किया गया। वहीं, 32 चयनित छात्रों के अलावा पराशर ने उन विद्यार्थियों को भी छात्रवृति प्रदान की, जो स्थानीय विद्यालयों या महाविद्यालयों में पढ़ाई कर रहे हैं। प्रोफेशनल कोर्सेस करने वाले विद्यार्थी स्कॉलरशिप हासिल करने के बाद अपने पंसद के शिक्षण संस्थान में दाखिला ले चुके हैं। स्कॉलरशिप प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों का कहना है कि संजय पराशर जो कहते हैं, वो करके भी दिखाते हैं। बस्सी पंचायत से सलोनी ने बताया कि वह बीबीए करने जा रही हैं। कहा कि उसकी आगे की पढ़ाई करने की इच्छा कैप्टन पराशर ने पूरी कर दी है। बगली से अंकिता संदल ने बताया कि वह नर्सिंग का कोर्स करेंगी। कहा कि पराशर ने उसके सपने को हकीकत में बदल दिया है। इसी तरह घमरूर से ममता कुमारी औ स्यूल से कर्ण ने बताया कि संजय पराशर ने उनका भविष्य बनाने के लिए बड़ी पहल की है। बेशक अगर पराशर स्कॅालरशिप से सहयोग नहीं देते तो वे निश्चित तौर पर रूचि रखने वाले विषयों का चयन करने से वंचित रह जाते। उझे खास गांव की महक ठाकुर ने बताया कि उसकी कंप्यूटर में रूचि रही है। अब संजय द्वारा स्कॉलरशिप दिए जाने के बाद वह प्रतिष्ठित कॉलेज में बीसीए की पढ़ाई करेगी। गोरालधार गांव से संबंध रखने वाले अभिषेक सलाेता ने कहा कि उसके मन की इच्छा थी कि बीटेक करे, लेकिन आर्थिक कारणों के चलते उसका अरमान मन में ही रह गया। फिर किसी ने बताया कि संजय पराशर स्कॉलरशिप कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं। उसने अपना पंजीकरण करवाया और छात्रवृति के लिए चयन हो गया। कहा कि यह उसके जीवन में किसी सपने के सच होने जैसा है और इसके लिए सलोता ने पराशर का धन्यवाद व्यक्त किया है। वहीं, संजय का कहना था कि आर्थिक कारण किसी विद्यार्थी की पढ़ाई में बाधा न बने, इसके लिए वह प्रयास कर रहे हैं। कहा कि उन्हें उम्मीद है कि होनहार बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हासिल करके खुद को हर क्षेत्र में अव्वल साबित करेंगे।

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