सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के लिए कथित पत्र बंब एक अलार्म ,पूर्व कांग्रेस सरकार में एक बड़े नेता के कथित ऑडियो ने मचाया था धमाल,इस पत्र बम के बाद कहीं ऑडियो का सिलसिला ना हो शुरू…
शिमला विमल शर्मा………………………………. सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के लिए कथित पत्र बंब एक अलार्म…………………………………………………….. पूर्व कांग्रेस सरकार में एक बड़े नेता के कथित ऑडियो ने मचाया था धमाल …………………………………………इस पत्र बम के बाद कहीं ऑडियो का सिलसिला ना हो शुरू…………….. कहीं सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार की रफ्तार को अस्थिर करने की पृष्ठभूमि तैयार तो नहीं हो रही हाल ही में जिस तरह से सरकार के आला अधिकारीयों के खिलाफ कथित पत्र बम सामने आया और उस पत्र में जो खुलासा सिलसिलेवार किया गए उसे राजनीतिक जानकारों के हिसाब से सोचने पर तो मजबूर किया क्योंकि इसमें जो खुलासा हुआ और जो घटनाक्रम घटे उसका सिलसिलेवार ब्यौरा अंदरूनी व्यक्ति ही दे सकता है लेकिन फिर यह सवाल उठा कि आखिर इस बेनामी पत्र बम को सार्वजनिक करने से किसको क्या हासिल होगा और यह बात कहां तक जाएगी यह भी अपने आप में एक सवाल है सूत्र बताते हैं कि एक तरफ से कथित पत्र बम को पहले तौर पर इसलिए सार्वजनिक किया गया कि अगर यह बात सही है तो सरकार इसकी जांच करें ताकि सरकार की सार्वजनिक तौर पर साख बची रहे वहीं दूसरी तरफ खगरिया सरकार के खिलाफ कोई षड्यंत्र रच रहा है और सरकार को अस्थिर करने के लिए राशि पृष्ठभूमि तैयार की गई जिस की पहली कड़ी यह सार्वजनिक कथित आरोप पत्र जारी किए इसके बाद ऑडियो का क्रम भी चल सकता है क्योंकि पूर्व में चाहे वह भाजपा की सरकार रही हो या फिर कांग्रेस की सरकारें रही हो उस दौर में भी बड़े नेताओं के खिलाफ ऑडियो और कथित पत्रों को सार्वजनिक किया गया था पूर्व में भाजपा सरकार के समय जब मुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल हुआ करते थे उस दौरान भी जिस तरह से निजी विश्वविद्यालय और कॉलेजों का धड़ल्ले से आवंटन हुआ तब भी सरकार पर आरोप लगे थे कि यह निजी क्षेत्र को लाभ पहुंचाने के लिए शिक्षा का व्यवसायीकरण किया जा रहा है
इतना ही नहीं उस समय बने बड़े-बड़े विश्वविद्यालय आज विद्यार्थियों की कमी के चलते बंद होने के कगार पर हैं और साथ-साथ कुछ विश्वविद्यालयों ने तो फर्जी डिग्री मामले में भी सामने आए वहीं यह भी सूचना है कि कुछ निजी विश्वविद्यालय एवं विश्वविद्यालयों को बंद कर लैंड यूज चेंज के लिए राजनेताओं के चक्कर लगा रहे हैं पूर्व जयराम सरकार में सूचना के मुताबिक इस तरह के आवेदन सरकार के पास आए थे बहरहाल जो भी है सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार जिस रफ्तार से चल रही है उससे राजनीतिक गलियारों में एक तरफ तो संदेश साफ है की व्यवस्था परिवर्तन के तहत सभी को ईमानदारी से काम करना पड़ेगा और विशेषकर आम जनता के प्रति सच्ची निष्ठा और जमीनी स्तर पर लोगों से जुड़ना पड़ेगा जहां तक कथित पत्र बम का सवाल है उसको लेकर सरकार अंदर खाते जांच तो करवा रही है कि आखिर यह मामला सामने कैसे आया दूसरी तरफ यह भी जानकारी मिल रही है कि राज्य सरकार उच्च स्तर पर बैठे प्रशासनिक अधिकारियों के पूर्व कार्य प्रणाली और इमानदारी को लेकर भी विशेष पदों पर बैठाने की तैयारी की जा रही है ताकि आम जनता में सरकार की छवि बिल्कुल साफ रहे और आम आदमी को यह एहसास ना हो की सरकार में किसी तरह का भ्रष्टाचार और किसी के अधिकारों का हनन हो रहा है विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के अहम प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ जो कथित आरोप लगे हैं मुख्यमंत्री के लिए भले ही किनारा कर लिया हो लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक इस मसले की तह तक नहीं चले जाते क्योंकि उनका व्यक्तिगत स्वभाव भी यही रहा है कि वह किसी भी बात को लेकर पूरी तरह तक जाते हैं ताकि किसी के मन में कोई शंका ना रहे और वह खुद भी संतुष्ट हो सके सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के लिए यह कथित पत्र बम एक अलार्मइंग साइन है ता�
मुख्यमंत्री के लिए भले ही किनारा कर लिया हो लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक इस मसले की तह तक नहीं चले जाते क्योंकि उनका व्यक्तिगत स्वभाव भी यही रहा है कि वह किसी भी बात को लेकर पूरी तरह तक जाते हैं ताकि किसी के मन में कोई शंका ना रहे और वह खुद भी संतुष्ट हो सके सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के लिए यह कथित पत्र बम एक अलार्मइंग साइन है ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रह सके