बेसहारा पशुओं को आश्रय प्रदान करने के लिए सरकार वचनबद्ध, मुख्यमंत्री
प्रदेश सरकार बेसहारा पशुओं को आश्रय प्रदान करने के लिए वचनबद्ध: मुख्यमंत्री बेसहारा पशुओं के लिए रात्रि आश्रय बनाने के निर्देश दिए वर्तमान प्रदेश सरकार ने राज्य में वंचित वर्गों के कल्याण को सर्वोच्च अधिमान दिया है। इसके साथ-साथ सरकार बेसहारा पशुओं के कल्याण के लिए भी बहुआयामी कदम उठा रही है। शुक्रवार सायं शिमला में गौ सेवा आयोग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पशुपालन विभाग को बेसहारा पशुओं आश्रय प्रदान करने के लिए समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्प लाइन-1100 के माध्यम से लोग बेसहारा पशुओं से सम्बन्धित जानकारी व शिकायत कर सकेंगे। उन्होंने अधिकारियों को इस सम्बंध में एक मोबाइल एप्लीकेशन भी विकसित करने के निर्देश दिए जिसमें कि बेसहारा पशुओं के छायाचित्र अपलोड किए जा सकें। उन्होंने कहा कि लोगों से शिकायत प्राप्त होने के उपरांत यह सूचना सम्बन्धित खण्ड के वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी, पशु चिकित्सा अधिकारी एवं फार्मासिस्ट से साझा की जाएगी और यह उनकी जिम्मेदारी होगी कि बेसहारा पशु को गौ सदन या अन्य उपयुक्त स्थल में पहुंचाया जाए। उन्होंने कहा कि बेसहारा पशुओं की समस्या के समाधान के लिए इस हेल्पलाइन के बारे में लोगों को अधिक से अधिक जागरूक किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि 20वीं पशु गणना के अनुसार राज्य में 36,311 बेसहारा पशु हैं, जिनमें से 20,203 बेसहारा पशुओं को विभिन्न गौ सदनों में आश्रय प्रदान किया गया है और अभी भी 9,117 बेसहारा पशु सड़कों पर घूम रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन पशुओं को बेहतर आश्रय सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से मौजूदा गौशालाओं के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने की आवश्यकता है, जिसके लिए पशुपालन विभाग के अधिकारी वन विभाग की सहायता से चरागाह और जल स्त्रोतों के लिए उपयुक्त भूमि चिन्हित करें। उन्होंने अधिकारियों को पशुओं की देखभाल के लिए रात्रि आश्रय निर्मित करने और पर्याप्त संख्या में कर्मचारी तैनात करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को इस दिशा में 10 दिन के भीतर कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए।