हाई कोर्ट में तलब एचपीयू के रजिस्ट्रार
शिमला। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) में नियम ताक में रखकर चहेतों को नियमित करने के मामले में हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए रजिस्ट्रार को तलब किया है। मामले से जुड़े रिकॉर्ड का अवलोकन करने के बाद न्यायाधीश संदीप शर्मा ने पाया कि सेल्फ फाइनेंस स्कीम के तहत एचपीयू में सैकड़ों नियुक्तियां की गईं। इतना ही नहीं, उन्हें नियमित करने के बाद विश्वविद्यालय के विभागों में उस समय भेजा गया, जब पद खाली नहीं थे। मामले की अगली सुनवाई 29 नवंबर को निर्धारित की गई है। याचिकाकर्ता विजय कुमार ने आरोप लगाया है कि एचपीयू में सहायक, क्लर्क और चपरासी आदि पदों पर नियमों के विरुद्ध नियुक्तियां की गईं। विश्वविद्यालय प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए जाने पर अदालत ने मामले से जुड़ा रिकॉर्ड तलब किया था। अदालत ने अपने आदेशों में स्पष्ट किया कि किसी नतीजे तक पहुंचने से पहले रजिस्ट्रार का पक्ष जानना जरूरी है। हाईकोर्ट ने विश्वविद्यालय के 130 आउटसोर्स कर्मचारियों के नियमितीकरण पर पहले ही रोक लगाई है। इनकी भर्ती नियमों के विपरीत किए जाने का आरोप लगाया गया है। खंडपीठ ने स्पष्ट किया था कि ऐसे कर्मचारियों को नियमित न किया जाए, जिन्हें भर्ती एवं पदोन्नति नियम दरकिनार कर नियुक्त किया गया है। आरोप लगाया गया है कि विश्वविद्यालय में रिक्त पद नियमों के तहत भरने के बजाय आउटसोर्स के आधार पर भरे जा रहे हैं।