उच्च न्यायालय ने विश्वविद्यालय के 130 कर्मचारियों के नियमितीकरण पर रोक
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने विश्वविद्यालय के 130 कर्मचारियों के नियमितीकरण पर रोक लगा दी है। इनकी भर्ती नियमों के विपरीत किए जाने का आरोप है। अदालत ने सभी कर्मचारियों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश विरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने अपने आदेशों में स्पष्ट किया कि ऐसे कर्मचारियों को नियमित न किया जाए, जिन्हें भर्ती एवं पदोन्नति नियमों को दरकिनार कर नियुक्त किया गया है। अदालत ने प्रदेश विश्वविद्यालय से उन कर्मचारियों का ब्योरा तलब किया था, जिन्हें आउटसोर्स के आधार पर भर्ती किया गया है। याचिकाकर्ता ने ऐसे 130 कर्मचारियों को निजी तौर पर प्रतिवादी बनाए जाने का आवेदन दाखिल किया था। अदालत ने इस आवेदन को स्वीकार करते हुए इन्हें प्रतिवादी बनाया है। याचिका में यह आरोप लगाया गया है कि विश्वविद्यालय में रिक्त पदों को भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के तहत भरने के बजाय आउटसोर्स के आधार पर भरा जा रहा है। विश्वविद्यालय में पिछले दरवाजे से भर्तियां की जा रही हैं। याचिकाकर्ता ने अदालत से गुहार लगाई है कि विश्वविद्यालय के रिक्त पदों को भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के तहत भरे जाने के आदेश दिए जाएं। इसके अलावा आउटसोर्स एजेंसी और विश्वविद्यालय के बीच हुए समझौते को भी रद्द करने की गुहार लगाई है। जिन अधिकारियों की सिफारिश पर विश्वविद्यालय में रिक्त पदों को भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के विपरीत भरा गया है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की गई है।