शिमला में यातायात सुव्यवस्थित करने के लिए 100 करोड़ रुपये की योजनाः मुख्यमंत्री…
अनछुए पर्यटन स्थलों के विकास पर विशेष बल दे रही प्रदेश सरकार
देश की ग्रीष्मकालीन राजधानी रहा शिमला शहर आज भी पर्यटकों को बड़ी संख्या में अपनी ओर आकर्षित करता है। देश-विदेश से हर वर्ष लाखों की संख्या में पर्यटक यहां पहुंचते हैं। इनकी बढ़ती संख्या के अनुरूप शहर में सड़क अधोसंरचना और अन्य सुविधाएं प्रदान करने पर वर्तमान प्रदेश सरकार विशेष ध्यान केन्द्रित कर रही है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि शिमला शहर में सर्कुलर रोड पर वाहनों की भीड़-भाड़ कम करने और पर्यटन को बढ़ावा देने की दृष्टि से 100 करोड़ रुपये की व्यापक योजना तैयार की गई है। इस योजना का उद्देश्य शहर में बुनियादी ढांचे में सुधार के साथ-साथ पर्यटकों एवं आंगतुकों को आवाजाही की निर्बाध सुविधा प्रदान करना है।
इस योजना के तहत आवंटित धनराशि में से लगभग 77 करोड़ रुपये भूमि एवं निजी ढांचागत निर्माणों इत्यादि के अधिग्रहण पर खर्च किए जाएंगे, जबकि 20 करोड़ रुपये का प्रावधान सड़कों के विकास और विस्तारीकरण के लिए किया गया है। इसके अतिरिक्त, मेट्रोपोल से प्रदेश उच्च न्यायालय जंक्शन तक फ्लाईओवर के निर्माण के लिए 3.50 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग को इस कार्य में तेजी लाने और समय पर पूरा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि विश्व-विख्यात पर्यटन स्थल शिमला पहुंचने वाले पर्यटकों तथा स्थानीय लोगों को सुविधाएं प्रदान करने पर प्रदेश सरकार विशेष बल दे रही है। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग को इस संबंध में सर्वेक्षण करने तथा संकरे एवं तंग स्थलों की पहचान कर एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा गया है।
उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए 97 करोड़ रुपये की राशि जारी कर दी गई है और आवश्यकता अनुसार राज्य सरकार अतिरिक्त धनराशि भी उपलब्ध करवाएगी। उन्होंने कहा कि शिमला शहर में पार्किंग की समस्या के समाधान के लिए विभिन्न पार्किंग स्थल भी विकसित किए जाएंगे।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल में पर्यटन उद्योग के विकास के लिए अनुकूल नीतिगत बदलावों एवं पर्यटन मित्र दृष्टिकोण से कार्य कर रही है साथ ही, पर्यटकों को अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करने की दिशा में भी तत्परता के साथ कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अनछुए पर्यटन स्थलों को विकसित करने पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है। कांगड़ा घाटी को राज्य की पर्यटन राजधानी घोषित किया गया है और यहां बुनियादी ढांचे के विकास के लिए लगभग 3000 करोड़ रुपये की योजना तैयार की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था में पर्यटन की महत्त्वपूर्ण भूमिका है और प्रदेश सरकार हिमाचल में पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के दृष्टिगत विभिन्न सुविधाओं का विकास कर रही है। उन्होंने कहा कि मई, 2023 तक प्रदेश में लगभग 72 लाख पर्यटक पहुंचे और प्रदेश सरकार ने आने वाले पांच वर्षों में पर्यटकों की इस संख्या को पांच करोड़ तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए बुनियादी ढांचे में सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। राज्य सरकार एक नई पर्यटन नीति भी लाएगी जिससे पर्यटन क्षेत्र को और बढ़ावा मिलेगा।