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वीरभद्र सरकार के दौरान बैठे रहे मौन, अब सुक्खू को 10 साल बाद याद आया लोन: सत्ती*

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*वीरभद्र सरकार के दौरान बैठे रहे मौन, अब सुक्खू को 10 साल बाद याद आया लोन: सत्ती*

*राजनीति नहीं कर रहे, पंसारी की दुकान खोलकर बैठे हैं कांग्रेसी: सतपात सत्ती*

*वीरभद्र सरकार ने कहां खर्चे कर्ज के 30 हज़ार करोड़ रुपये : सतपाल सिंह सत्ती*

*सुक्खू ने प्रदेशाध्यक्ष रहते वीरभद्र सरकार को 30 हज़ार करोड़ का कर्ज लेने से क्यों नहीं रोका – सत्ती*

*बोले- न योजनाएं चलाईं, न कर्मचारियों को वेतनमान दिया, न फोरलेन बने फिर कहां खर्च किया गया कर्ज*

*सत्ती बोले- कहीं वीरभद्र सिंह ने पेशियों भुगतने में तो नहीं खर्चे थे 30 हजार करोड़?*

शिमला।। वित्त आयोग अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने कहा है कि नेतृत्व और मुद्दाविहीन हो चुकी कांग्रेस पार्टी इतनी हताश हो चुकी है कि उसके नेता अपने छह बार के मुख्यमंत्री को ही कटघरे में खड़ा करने वाले बयान दे रहे हैं। सतपाल सिंह सत्ती ने कर्ज को लेकर सुखविदर सिंह सुक्खू के बयान पर पूछा कि क्या उन्होंने कभी वीरभद्र सिंह से पूछा था कि उनकी सरकार ने 30 हजार करोड़ रुपये का लोन क्यों लिया था? सत्ती ने कहा कि आधिकारिक आंकड़ों की बात करें तो वीरभद्र सिंह की सरकार ने वर्ष 2012 से 2017 तक 29 हज़ार 522 करोड़ रुपये का कर्ज लिया। जब वीरभद्र सरकार की विदाई हुई तो वो हिमाचल पर 47 हज़ार 906 करोड़ रुपये का कर्ज छोड़ गए थे।

सतपाल सिंह सत्ती ने सुखविंदर सिंह सुक्खू से सवाल पूछा कि वो वीरभद्र सरकार के दौरान कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष थे। उन्होंने तब वीरभद्र सरकार को कर्ज लेने से क्यों नहीं रोका? वित्त आयोग अध्यक्ष ने कहा कि वीरभद्र सरकार में न तो कोविड महामारी थी, न ही उन्होंने जनकल्याण के लिए कोई योजनाएं चलाईं, न ही उन्हें कर्मचारियों को नया वेतनमान उन्हें देना पड़ा, न तो कोई फोरलेन बनाए न ही मेडिकल क़ॉलेज। इसके बावजूद उन्होंने पांच वर्ष के दौरान जो 30 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया वो कहां खर्च किया। कहीं ऐसा तो नहीं कि ये रकम पेशियों के लिए वकीलों को देने के लिए खर्च कर दी गई थी।

सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में हिमाचल में पहली बार हिमकेयर, गृहिणी सुविधा, सहारा, स्वावलंबन, शगुन योजनाएं चलाई गईं । इन योजनाओं पर ही 802 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं और लाखों लोगों को इसका लाभ मिला है। इसके अलावा सामाजिक सुरक्षा पेंशन पर वीरभद्र सरकार वार्षिक 436 करोड़ रुपये खर्च करती थी। आज जयराम सरकार वार्षिक 1300 करोड़ रुपये खर्च कर रही है।

वित्त आयोग अध्यक्ष ने सुक्खविंदर सिंह सुक्खू से पूछा कि वो बताएं उनकी सरकार में कौन सी योजनाएं चलाई गईं। आज बीजेपी सरकार में ही फोरलेन का काम तेजी से हो रहा है। बिलासपुर में एम्स का निर्माण हुआ, हमीरपुर, चंबा और नाहन मेडिकल कॉलेज का निर्माण हो रहा है। हर वर्ग के लिए कार्य हो रहा है, लेकिन सुक्खविंदर सिंह सुक्खू बताएं कि उन्होंने और वीरभद्र सरकार ने आखिर 2012 से 2017 क्या किया। उन्होंने कहा कि यदि सुखविंदर सिंह सुक्खू को कर्ज की चिंता है तो पहले ये बताएं कि जो 1500 रुपये और 300 यूनिट बिजली की गारंटी दे रखी है उसके लिए पैसा कहां से आएगा? उन्होंने कांग्रेस की ओर से की जा रही घोषणाओं पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस बिना प्लैनिंग के ही घोषणाएं कर रही है। ऐसा लगता है मानो कांग्रेसी राजनीति न कर रहे हैं, पंसारी की दुकान खोलकर बैठे हैं।

सत्ती ने कहा कि नेतृत्व की होड़ में मुकेश अग्निहोत्री और प्रतिभा सिंह से पिछड़ रहे सुखविंदर सिंह सुक्खू अब सुर्खियों में बने रहने के लिए कुछ भी बयान दे रहे हैं। पहले फोन पर टिकट बांट रहे थे और हो सकता है कि कल को व्हाट्सऐप पर अपनी सरकार भी बनवाकर दिल को तसल्ली देने लगें। क्योंकि हिमाचल की जनता ने तय कर लिया है कि रिवाज बदलकर फिर से बीजेपी की सरकार बनानी है।

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