Advertisement Section
Header AD Image

राज्यपाल ने पारम्परिक औषधीय उत्पादों के संरक्षण एवं शोध की आवश्यकता पर बल दिया

Spread the love
शिमला। राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने सोमवार को मण्डी जिले के जोगिन्द्रनगर स्थित भारतीय चिकित्सा पद्धति अनुसंधान संस्थान का दौरा किया।इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि इस केंद्र में आधुनिक तकनीक के आधार पर पारंपरिक औषधीय पौधों को उपयोगी बनाया जा रहा है। औषधीय उत्पादों को अच्छी तरह से प्रलेखित किया जा रहा है और हमारे पारंपरिक उत्पादों को संरक्षित करने के लिए उन पर शोध चल रहा है। उन्होंने इस दिशा में और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता पर बल दिया।बाद में राज्यपाल ने औषधीय जांच प्रयोगशाला, हर्बल गार्डन एवं हर्बेरियम का भी दौरा किया।उन्होंने परिसर में कपूर का पौधा भी लगाया।इस अवसर पर परियोजना अधिकारी एवं सह प्रभारी, भारतीय चिकित्सा पद्धति अनुसंधान संस्थान (आरआईआईएसओएम) उज्जवल दीप शर्मा ने संस्थान की गतिविधियों पर प्रस्तुति दी। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के हर्बल गार्डन और प्रमुख औषधीय पौधों के विकास के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने राज्यपाल को उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उगाए जाने वाले हरड़, मलकांगनी, चंदन, नीम आदि औषधीय पौधों से संबंधित जानकारी भी दी और कहा कि इन पौधों की देश में अधिक मांग है।आयुष मंत्रालय के राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड (एनएमपीबी) के क्षेत्रीय निदेशक डाॅ. अरुण चंदन ने भी औषधीय पादप बोर्ड के बारे में जानकारी दी।औषधीय जांच प्रयोगशाला के प्रभारी विपिन शर्मा ने भी प्रस्तुति के माध्यम से विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी।स्थानीय विधायक प्रकाश राणा, उपायुक्त मंडी अरिंदम चैधरी, पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्निहोत्री तथा संस्थान के अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।इसके उपरान्त, राज्यपाल ने जोगिन्द्रनगर में सरकारी आयुर्वेदिक औषधालय का भी दौरा किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post हिमाचल बुलेटिन
Next post हिमाचल बुलेटिन 8 फरवरी
Close