Advertisement Section
Header AD Image

स्वास्थ्य संस्थानों में अधोसंरचना सुधार से मरीजों को मिल रहीं बेहतर सेवाएं

Spread the love

 

न्यूज़07लाइव, शिमला। 

 

लोगों को घर-द्वार के समीप बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए सर्वाेच्च प्राथमितकता के साथ कार्य करत हुए प्रदेश सरकार ने जहां ग्रामीण क्षेत्रों में नए स्वास्थ्य संस्थान खोलने को अधिमान दिया है वहीं स्वास्थ्य अधोसंरचना को सुदृढ़ करने के लिए भी विशेषतौर पर प्रयास किए हैं। प्रदेश के स्वास्थ्य संस्थानों में चिकित्सकों और पेरा-मेडिकल स्टाफ के खाली पड़े पदोें को भरने के लिए नई नियुक्तियां की गईं हैं। इन संस्थानों में बेहतर जांच सुविधाएं प्रदान करने के लिए आधुनिक मशीनों और उपकरणों की व्यवस्था की गई है।

दूर-दराज़ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं घर-द्वार पर उपलब्ध करवाने के लिए मुख्यमंत्री मोबाइल क्लिनिक योजना आरम्भ करने का निर्णय लिया गया है। इस वर्ष प्रत्येक स्वास्थ्य खण्ड में मॉडल प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र विकसित किया जाएगा। मरीजों की सुविधा के लिए 50 नई एम्बुलेंस खरीदने का भी निर्णय लिया गया है।

आईजीएमसी, शिमला में 103.18 करोड़ रुपये लागत से निर्मित भवन का लोकार्पण किया गया है। इस भवन के निर्माण कार्य पर 73 करोड़ रुपये की राशि वर्तमान प्रदेश सरकार के कार्यकाल में उपलब्ध करवाई गई। इस अस्पताल में ट्रॉमा सेंटर का निर्माण किया जा रहा है जिसके आरम्भ होने से आपातकालीन परिस्थितियों में मरीजों को उपचार की बेहतर सुविधा प्रदेश के अंर ही उपलब्ध होगी।

कोविड महामारी के कारण उत्पन्न चुनौतियों के बाद राज्य सरकार ने स्वास्थ्य अधोसंरचना को मज़बूती प्रदान की है ताकि भविष्य में किसी महामारी की स्थिति का सफलतापूर्वक सामना किया जा सके। आज प्रदेश में 48 ऑक्सीजन संयंत्रों, 1000 से अधिक वेंटिलेटर्स की सुविधा उपलब्ध है। उप-स्वास्थ्य केन्द्र स्तर तक 5000 से अधिक ऑक्सीजन कंसट्रेटर उपलब्ध हैं तथा 10 हजार से अधिक ऑक्सीजनयुक्त बिस्तरों की क्षमता सृजित की गई है।

प्रदेश सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं को विस्तार देने के लिए 33 नए उप-स्वास्थ्य केंद्र, 46 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, आठ स्वास्थ्य उप-केंद्र खोले हैं। वहीं, 31 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का उन्नयन कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 18 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को नागरिक अस्पताल के रूप में स्तरोन्नत किया गया है। इसके अलावा, विभिन्न अस्पतालों में बिसतरों की क्षमता बढ़ाई गई है और कई स्थानों पर नए शिक्षण संस्थान खोलने की मंजूरी प्रदान की गई है।

वर्तमान राज्य सरकार ने 1654 चिकित्सा अधिकारियों, 975 स्टाफ नर्सांे, 76 जूनियर ऑफिस असिस्टेंट, 199 महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, 194 प्रयोगशाला सहायकों, 35 ऑपरेशन थियेटर असिस्टेंट, 462 फार्मासिस्ट, 111 रेडियोग्राफर, 11 ऑपथेल्मिक अधिकारियों के पदों को भरा है।

प्रदेश सरकार ने इस वर्ष चिकित्सा अधिकारियों के 500 नए पद भरने का फैसला लिया है। इसके अलावा, आयुष विभाग में आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारियों के 200 पद भरे जाएंगे जिनमें से 100 पद सीधी भर्ती और शेष बैचवार आधार पर भरे जाएंगे। आयुष विभाग में अनुबंध आधार पर आयुर्वेदिक फार्मासिस्ट के 100 पद भरने का भी निर्णय लिया गया है। इनमें से 52 पद सीधी भर्ती और 48 बैचवार भरे जाएंगे।

पिछले चार वर्षांे में 10 आयुर्वेद स्वास्थ्य केंद्र खोले गए और तीन आयुर्वेद अस्पतालों को स्तरोन्नत किया गया है। कांगड़ा जिले के पपरोला में 8.37 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित सैंटर ऑफ एक्सिलेंस फॉर जेरीएट्रिक हैल्थ का शुभारम्भ किया जा चुका है।

केंद्र सरकार के सहयोग से बिलासुपर में एम्स और ऊना में पीजीआई के सेटेलाइट सेंटर और तीन मेडिकल कॉलेजों की सौगात मिली है। भारत सरकार ने प्रदेश के लिए एक मेडिकल डिवाइस पार्क स्वीकृत किया है जिसका कार्य इस वर्ष नालागढ़ में आरंभ हो जाएगा। इस पार्क से प्रदेश में 5 हज़ार करोड़ रुपये का निवेश होगा और 10 हज़ार लोगों को रोज़गार मिलेगा।

प्रदेश सरकार राज्य के मेडिकल कॉलेजों में आधुनिक तकनीकों की सुविधा प्रदान करने पर विशेष ध्यान दे रही है। डा. वाई.एस परमार राजकीय मेडिकल कॉलेज, नाहन में वायरोलॉजी लैब, ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र और एमजीएमएस संयंत्र को कार्यशील बनाया गया है। आईजीएमसी, शिमला में किडनी ट्रांस्पलांट की सुविधा आरंभ की गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post 31 को शिमला आएंगे पीएम मोदी, सीएम जयराम ने रिज का किया निरीक्षण
Next post राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री ने दी प्रदेशवासियों को बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनाएं
Close