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रानी प्रतिभा सिंह की राहें नहीं आसान

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  • संगठन को नेताओं से ही मिल रही चुनौती

शिमला, विमल शर्मा।

हिमाचल कांग्रेस पार्टी में रानी प्रतिभा सिंह के पुराने वफादार नेताओं को सार्वजनिक सभाओं में चुनौती मिलने लगी है। भले ही हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह की सभाओं में कांग्रेस समर्थित लोगों की भीड़ जुट रही है, लेकिन साथ साथ उन्हें चुनौती भी मिल रही है। इस चुनौती को वह कितना संभाल पाती है यह तो समय ही बताएगा लेकिन इतना जरूर है प्रतिभा सिंह की राहे आसान नहीं लगती। रानी प्रतिभा सिंह अपनी सभाओं में राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के दिशा निर्देशों के तहत पार्टी को आगे करने की बात कह रही है लेकिन जिला स्तर पर कांग्रेसी इस तरह से फटी हुई है जो सार्वजनिक तौर पर विरोध दर्ज करवा रही है। इसका सीधा-सीधा सर पार्टी के आम कार्यकर्ता पर पड़ रहा है और जनता यह तय नहीं कर पा रही कि अगर भविष्य में कांग्रेस को सत्ता में लाते हैं तो वह एकजुट हो पाएगी या फिर इसका लाभ भाजपा को मिलेगा। वर्तमान में चल रही कांग्रेस की कार्यप्रणाली से तो यह साफ होता है कि भाजपा को कांग्रेस पार्टी से कोई चुनौती नहीं है। उन्हें तो लोगों का समर्थन चाहिए उधर कांग्रेस पार्टी की लड़ाई भी भाजपा से नहीं लगती। यह लड़ाई अंदरूनी तौर पर कांग्रेस की ही है। बीते समय में भी कांग्रेस की आपसी अंतर कलह के चलते का कांग्रेस को नुकसान सहना पड़ा था। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना  है कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी भाजपा का नया मुख्यमंत्री तय करेगी यह बात हम इसलिए कह रहे हैं हिमाचल कांग्रेस में हालत यह हो चली है कि जो नेता प्रचार प्रसार का काम संभाले हुए हैं वह पार्टी का कम और अपना प्रचार ज्यादा कर रहे हैं।

दूसरी तरफ हिमाचल कांग्रेस की अध्यक्ष सांसद प्रतिभा सिंह प्रदेशव्यापी दौरे में कांग्रेस को एकजुट होने का संदेश दे रही है। हाल ही में सांसद प्रतिभा सिंह के प्रदेश व्यापी दौरे के दौरान जुट रही भीड़ विशेषकर महिलाओं की भीड़ कांग्रेस के अन्य नेताओं को सकते में डाल रही है। जिसके चलते जो नेता पहले दूरियां बनाए हुए थे वह अब नजदीक आने लगे हैं और हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने लगे हैं। कांग्रेस में प्रतिपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री भी अब अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं और यह संदेश देने की पूरी कोशिश कर रहे हैं कि जैसे उन्होंने कभी सांसद प्रतिभा सिंह का अध्यक्ष बनने से पहले विरोध किया हो वही कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेता कौल सिंह ठाकुर रामलाल ठाकुर आशा कुमारी हर्ष महाजन सुधीर शर्मा के साथ-सथ पुराने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी अब खुलकर सामने आ रहे हैं। जहां तक विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू का प्रश्न है वह भी अपना पूरा दमखम दिखा रहे हैं और अपने आप को एक स्थापित नेता और भावी मुख्यमंत्री के तौर पर सार्वजनिक सभाओं में प्रोजेक्ट करते दिख रहे हैं उनके साथ भी वर्तमान कुछ विधायकों का खुले तौर पर समर्थन है जिसके बलबूते पर वह भावी राजनीति में समीकरण बदलने की ताकत जुटा रहे हैं बहरहाल जो भी है हिमाचल कांग्रेस की स्थिति अगर इसी तरह बटी रहती है तो हिमाचल प्रदेश में होने वाले चुनावों में भाजपा के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को दोबारा कुर्सी पर विराजमान होने से कोई रोक नहीं सकता भले ही भाजपा के भीतर भी मुख्यमंत्री पद के दावेदार और विधायक बंदे के लिए टिकट के दावेदारों की कमी नहीं है बावजूद इसके भाजपा हाईकमान ने पहले ही स्पष्ट कर दिया कि आगामी विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा।

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